चमत्कारिक बाबा कमर अली दरवेश दरगाह
चमत्कारिक बाबा कमर अली दरवेश दरगाह
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क्या आप ग्यारह लोग मिलकर अपनी तर्जनी अंगुली से 90 kg वजन के पत्थर को अपने सर तक उठा सकते है ? आप सब कहेंगे यह असंभव है। लेकिन पुणे स्तिथ ‘बाबा हजरत कमर अली की दरगाह’ में यह चमत्कार आप कर सकते है। हमारे देश में कई ऐसे धार्मिक स्थल है जहाँ पर कई चमत्कारिक शक्तियां है। यह शक्तियां वहां निवास कर चुके और दफनाए गए साधू, संतो, फकीरों और सूफियों के कारण है। ऐसी ही एक जगह है ‘बाबा हजरत कमर अली की दरगाह’।

शिवपुर गाँव में है ये चमत्कारिक दरगाह

हजरत कमर अली दरवेश बाबा की दरगाह पुणे-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित शिवपुर गांव में है। यहाँ पर आज से 700 वर्ष पूर्व सूफी संत हजरत कमर अली को दफनाया गया था। हजरत कमर अली एक सूफी थे जिनका निधन मात्र 18 साल की उम्र में हो गया था। उन्हें उनकी मृत्यु के पश्चात संत की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

चमत्कारिक है दरगाह :

इस दरगाह में सूफी संत की चमत्कारिक शक्तियां आज भी विधमान है।  इसका जीता जागता उदाहरण दरगाह परिसर में रखा करीब 90 kg का पत्थर है।  इस पत्थर को यदि 11 लोग सूफी संत का नाम लेते हुए अपनी तर्जनी अंगुली (इंडेक्स फिंगर) से उठाते है तो यह पत्थर आसानी से ऊपर उठ जाता है। लेकिन यदि इस पत्थर को दरगाह परिसर से बाहर ले जाकर उठाए तो यह टस से मस भी नहीं होता है।  भक्त लोग इसका कारण दरगाह में आज भी विधमान हजरत कमर अली दरवेश बाबा की शक्तियों को मानते है। इसके अलावा भी इस पत्थर से एक और रहस्य जुड़ा है यदि लोग तर्जनी अंगुली के अलावा कोई दूसरी अंगुली का इस्तेमाल करे या लोगों की संख्या 11 से कम या ज्यादा हो तो भी पत्थर नहीं हिलता है।

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