कोलकाता: कोरोना महामारी से लगातार लोगों की जान जाने पर सख्त रुख अख्त्यार करते हुए देश की सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया है कि वह क्या कर रही है। इससे पहले कोरोना मरीज़ों के लिए दिल्ली के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीज़न की सप्लाई सुनिश्चित नहीं करने के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को मंगलवार को अवमानना का नोटिस जारी किया था। केंद्र सरकार उच्च न्यायालय के नोटिस को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत पहुंच गई। इसकी सुनवाई जस्टिस डी चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली बेंच ने की।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने एसजी तुषार मेहता से पूछा कि ठोस व्यवस्था होनी चाहिए और इसके लिए क्या किया जा रहा है? न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि अधिकारियों को जेल में डालने और अवमानना लगाने से ऑक्सीजन नहीं आएगी, किन्तु हमें बताया जाए कि इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की तरफ से अदालत से कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब हम कोरोना महामारी में पूरी कोशिश कर रहे हैं, तो दिल्ली उच्च न्यायालय ने हमारे ख़िलाफ़ अवमानना का नोटिस दे दिया।
बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सवाल किया था कि क्यों न आपके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस शुरू कर दिया जाए। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि शीर्ष अदालत ने भी सरकार को दो मई को दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई की समस्या को दूर करने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने केंद्र को कहा था कि आप रेत में शुतुरमुर्ग की तरह गर्दन छुपा सकते हैं, मगर हम ऐसा नहीं करेंगे।
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