Jan 24 2017 09:30 PM
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के तौर पर मनाया जाता है। दरअसल इस एकादशी को संतान की रक्षा और संतान प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को महाभारत काल में इस एकादशी का महत्व बताया था। उन्होंने युधिष्ठिर के सामने महिष्मति पुर के राजा महिजीत को लेकर वर्णन किया और कहा कि लोमेश मुनि की कृपा से उन्हें संतान की प्राप्ति हुई।
दरअसल महर्षि लोमेश महाराज ने राजा को उसके पूर्व जन्म का वृत्तांत सुनाकर उसके पाप का नाश करने वाली एकादशी करने का विधान बताया। राजा ने विधिविधान से पुत्रदा एकादशी का व्रत किया इससे राजा को पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई। इस एकादशी के प्रभाव से मानव पापमुक्त हो जाता है और इहलोक को प्राप्त होता है। उसके सभी पाप भी नष्ट होते हैं।
हिंदी न्यूज़ - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml
इंग्लिश न्यूज़ - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml
फोटो - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml
© 2024 News Track Live - ALL RIGHTS RESERVED