जहाँ एक तरफ देश की अर्थव्यवस्था में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है और इसके साथ ही भारत को तेजी से आगे बढ़ता हुआ भी देखा जा रहा है. वहीँ अब यह बात सामने आ रही है कि केंद्र सरकार के सार्वजनिक ऋण में बढ़ोतरी देखने को मिली है. बताया जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान केंद्र सरकार के सार्वजानिक ऋण में अस्थाई रूप से 2.1 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाई दी है.
इस वित्त वर्ष को लेकर ऋण प्रबंधन के बारे में जो तिमाही रिपोर्ट सामने आई है उसके तहत यह कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार का कुल सार्वजनिक ऋण हाल ही में समाप्त हुई तिमाही यानी सितंबर 2015 को बढ़ोतरी के साथ 54.12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
जबकि साथ ही आपको इस बारे में अधिक जानकारी दे तो बता दे कि जून 2015 को समाप्त हुई तिमाही के दौरान यह सार्वजनिक ऋण 53.01 लाख करोड़ रुपये देखने को मिला था. इसके साथ ही यह भी बता दे कि इसी जुलाई से सितम्बर की तिमाही में सार्वजनिक ऋण में अस्थाई रूप से 2.1 फीसदी की बढ़ोतरी आई है. जबकि साथ ही यह भी बता दे कि इसी तिमाही में सार्वजनिक ऋण में आंतरिक ऋण का हिस्सा 92.1 प्रतिशत देखने को मिला है.