नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में कड़ाके की ठंड का सामना करते हुए सैकड़ों की तादाद में लोग पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के बाहर एकत्रित हुए. कांग्रेस नेता अलका लांबा और दिल्ली के पूर्व MLA शोएब इकबाल भी प्रदर्शनकारियों के साथ मौजूद थे. स्थिति पर नजर रखने के लिए दिल्ली पुलिस ड्रोन की सहायता भी ले रही है.
लांबा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, देश में असल मुद्दा बेरोजगारी का है, किन्तु पीएम लोगों को एनआरसी के लिए कतार में खड़ा करना चाहते हैं, जैसा नोटबंदी के दौरान किया गया था. उन्होंने कहा कि, देश और संविधान के लिए लोकतंत्र की आवाज उठाना जरूरी है. केंद्र सरकार तानाशाह नहीं चल सकती और सरकार लोगों पर अपना एजेंडा नहीं थोप सकती. बता दें कि आज मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता अधिनियम और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ नारेबाजी की.
एक प्रदर्शनकारी ने मीडिया से कहा कि, इस देश को एनआरसी, राष्ट्रीय जनसँख्या रजिस्टर (एनपीआर) नहीं चाहिए. इस देश को रोजगार चाहिए. इस देश को अमन और शांति चाहिए. जमा मस्जिद के पास खड़े प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिन पर लिखा था, संविधान बचाओ, देश मत बांटो. प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ भी नारे लगाए.
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