अगरतला: नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) के विरोध में जारी बंद और आंदोलन के कारण पूर्वोत्तर में जनजीवन मंगलवार को बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बंद का आयोजन स्थानीय आदिवासी दलों और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (NESO) समेत युवा संगठनों की तरफ से किया गया है। विधेयक लोकसभा में पहले ही मत विभाजन के जरिए पास हो चुका है। एक दिन पहले सोमवार को अपराह्न् चार बजे से बिल पर चर्चा आरंभ हुई और सोमवार देर रात 12.06 बजे तक काफी बहस के बाद इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े और बिल के विरोध में 80 वोट पड़े।
त्रिपुरा में सड़क और रेल यातायात काफी प्रभावित हुई है और हजारों यात्री फंसे हुए हैं। बंद समर्थक कार्यकर्ताओं ने वाहनों और गाड़ियों को आगे नहीं जाने दिया। पुलिस प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा है कि त्रिपुरा ट्राइबल एरिया ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (TTAADC) के इलाकों में किसी किस्म की कोई बड़ी अवांछित घटना की सूचना नहीं है। 10,491 वर्ग किलोमीटर के दो-तिहाई इलाके पर अधिकार रखने वाले इस क्षेत्र में 12 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं, जिसमें अधिकतर आदिवासी हैं।
चक्रवर्ती ने मीडिया से कहा है कि, "टीटीएएडीसी क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी दलों ने बंद का आह्वान किया है, जहां बंद समर्थक कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। त्रिपुरा के कई प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शन करने और सड़क जाम करने के लिए कई प्रदर्शनकारियों को कस्टडी में लिया गया।"
बढ़त के साथ खुलने के बाद फिसला सेंसेक्स, निफ़्टी फिफ्टी में भी आई गिरावट
प्याज़ कारोबारियों पर सरकार ने कसी नकेल, दो टन से अधिक रखने की इजाजत नहीं
RBI : वित्त मंत्रालय को दिया सुझाव, पहले के मुकाबले कर्ज होंगे सस्ते