नई दिल्ली: लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण करने वाले कानून में, संशोधन करने वाला एक विधेयक, मोदी सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में प्रस्तुत किया है, जिसमें केंद्र सरकार को बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री को नष्ट करने का नियम बनाने का अधिकार प्रदान किया गया है. केंद्रीय महिला और बाल विकास राज्य मंत्री वीरेंद्र कुमार ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 नमक बिल लोकसभा में पेश किया.
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विधेयक के मकसदों में कहा गया है कि लैंगिक हमले, लैंगिक उत्पीड़न और अश्लील सामग्री के अपराधों से बालकों का संरक्षण करने और ऐसे अपराधों पर निगरानी रखने के लिए विशेष अदालतों की स्थापना करने तथा उनसे जुड़े हुए विषयों के लिए इस विधेयक को लाया गया है. इसमें बताया गया है कि विधेयक लिंग निरपेक्ष है और बालकों के सर्वोच्च हित और कल्याण से संबंधित है, ताकि बालकों के उत्तम शारीरिक, भावनात्मक, बौद्धिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित हो सके.
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विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि हाल ही में देश में बाल यौन अपराध के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. देश में बाल यौन अपराध पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की तत्काल जरुरत है, इसलिए उक्त अधिनियम में सभी तरह के लैंगिक अपराधों के लिए दंड में इजाफा करने के नाते उपबंध करने के लिहाज से संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं.
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