सांसदों का वेतन बढ़ाने के लिए लाया गया प्रस्ताव
सांसदों का वेतन बढ़ाने के लिए लाया गया प्रस्ताव
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नई दिल्ली: आमतौर पर सांसदों द्वारा महत्वपूर्ण बिलों मसौदों और अन्य कार्यों की परवाह न करते हुए संसद में हंगामा मचाया जाता है, लेकिन जब सांसदों का वेतन बढ़ाने की बात आती है तो वे एकमत हो जाते हैं और फिर किसी तरह का कोई हंगामा नहीं होता। लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को प्रतिमाह 1.40 लाख रूपए दिए जाते हैं। पार्लियामेंट्री कमेटी द्वारा सांसदों के वेतन और भत्तों के लिए अब प्रावधान को बढ़ाकर 2.80 लाख रूपए तक करने की सिफारिश की जाती है। जिसमें मोदी सरकार द्वारा भी पहल की गई है। मिली जानकारी के अनुसार संसदीय कार्य मंत्रालय ने इसे जारी करने का प्रस्ताव सामने रखा है। 

मिली जानकारी के अनुसार कमेटी द्वारा सिफारिश की गई कि सरकार कर्मचारियों की ही तरह सांसदों का वेतन समय - समय पर बढ़ाती रहती है। इसके लिए आॅटोमैटिक पे - रिवीजन मैकेनिज़्म बनाया गया है। पूर्व सांसदों की पेंशन को भी बढ़ाने की बात प्रस्ताव में कही गई है। बताया जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सिफारिशों को संशोधन के माध्यम से पारित किया जा सकता है। इस मामले में यह भी कहा गया है कि सांसदों का वेतन और भत्ते अंतिम बार वर्ष 2010 में तय किए गए थे। सांसदों का वेतन 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर जारी किया गया था।

केंद्र सरकार द्वारा बीते वष्र इस रिव्यू को करने के लिए कमेटी का गठन किया गया। जिसे सरकार ने वापस लौटा दिया। मामले में यह भी कहा गया है कि सेंट्रल स्कूलों में कोटा 15 किया जाए। सांसदों के पीए को एयरपोर्ट लाउंज में जाने की सुविधा मिले। चुने हुए गांवों को बजट अलग से दिया जाए। 

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