देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत की मुश्किलें अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। राज्य सरकार ने विश्वास मत तो हासिल कर लिया और अपना कार्यकाल बचा लिया लेकिन अभी भी सत्ताधारी गठबंधन कमजोर पड़ता नज़र आ रहा है। दरअसल कांग्रेस और प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट के मध्य गठबंधन कमजोर होने की पूरी संभावना हैं। उल्लेखनीय है कि पीडीएफ के ही समर्थन से हरीश रावत ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने में सफलता प्राप्त की।
दोनों ही दलों के मध्य राज्यसभा की सीट को लेकर विवाद हो रहा है। राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप टम्टा के नाम की घोषणा से पीडीएफ राज्यसभा के उम्मीदवार के तौर पर अपने कार्यकर्ता का नाम ले चुका है। दूसरी ओर कांग्रेस में नेता और मंत्री यशपाल आर्य ने यहां से अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है।
इस मामले में कांग्रेस की और से यशपाल आर्य को सीट क्वीट करने के लिए मनाया जा रहा है। इसके लिए कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह को उनके हल्द्वानी के निवास भेजकर उनसे चर्चा की जा रही है। बता दे कि उत्तराखंड सरकार के संकट के समय केंद्रीय पार्टी प्रभारी अंबिका सोनी ने यशपाल आर्य को राज्यसभा भेजे जाने का आश्वासन दिया था।