'अखबारों में छप गया, लेकिन हमें हलफनामा नहीं मिला', SC ने लगाई चुनाव आयोग को जमकर फटकार
'अखबारों में छप गया, लेकिन हमें हलफनामा नहीं मिला', SC ने लगाई चुनाव आयोग को जमकर फटकार
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नई दिल्ली: चुनाव में फ्री सुविधाओं का वायदा करने वाली सियासी पार्टियों की मान्यता रद्द करने की मांग वाली अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा है कि सभी राजनीतिक पार्टी चुनाव से पहले अपना मेनिफेस्टो आपको देती हैं?

इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई है। अदालत ने कहा कि हमें हलफनामा नहीं मिलता, मगर वो अखबारों को मिल जाता है तथा वहां छप भी जाता है। हमने आज हलफनामा न्यूज पेपर में पढ़ भी लिया है। राजनीतिक पार्टियों द्वारा फ्री योजनाओं की घोषणा के खिलाफ भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने सर्वोच्च न्यायालय में जो याचिका दायर की है, उसमें कहा गया है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है। इसको लेकर जब अदालत ने चुनाव आयोग से पूछा तो आयोग ने बताया कि मुफ्त योजनाओं को लेकर कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने अदालत से कहा कि इसको लेकर एक कमेटी बना दी जाए, मगर हमें उस कमेटी से दूर रखा जाए क्योंकि हम एक संवैधानिक संस्था हैं। 

तत्पश्चात, सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई। अदालत ने कहा कि आपका हलफनामा हमें नहीं मिला, किंतु अखबारों तक पहुंच गया है। हम प्रातः अखबार में आपका हलफनामा पढ़ चुके हैं। बता दें कि चुनाव में मुफ्त योजनाओं को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने फ्री रेवड़ी कल्चर कहा था। वहीं इसको लेकर आम आदमी पार्टी भी पीएम पर हमलावर है। आम आदमी पार्टी की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा भी दायर किया गया है, जिसमें उसे भी पक्षकार बनाए जाने की मांग की गई है।

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