भारत के खिलाफ नेपाल ने नहीं मिलाया चीन से हाथ

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काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली भारत यात्रा पर आने वाले हैं। उनकी भारत यात्रा 6 दिनों की होगी। इसके पूर्व उन्होंने नेपाल में पत्रकारों और गणमान्यजन से चर्चा की। जिसमें उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच नए संविधान को लेकर हुए प्रदर्शनों से जो मतभेत पैदा हुए थे उनहें मिटाने के लिए उनका दौरा बेहद महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा से देश को लाभ होगा।

मधेसियों के विरोध प्रदर्शन के कारण तेल और रसोई गैस समेत आवश्यक वस्तुओं की कमी भी होने लगी है। उनका कहना था कि नेपाल द्वारा भारत के विरूद्ध किसी तरह का कार्ड खेला गया है यह बात सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वे तो यह भी नहीं जानते हैं कि ताश कैसे खेला जाता है। उन्होंने कहा कि किसी को भी उपयोग करने का उनका कोई इरादा नहीं है। उन्होंने नेपाल में आए भूकंप के दौरान भारत द्वारा की गई सहायता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत और नेपाल के संबंध बेहद मधुर हैं।

उनका कहना था कि भारत और नेपाल के संबंधों में तनाव के बीच चीन को विशेषा नेपाल के पास जाते हुए देखा जा सकता है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने कहा कि भारत यात्रा के एक माह के भीतर पड़ोसी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की सरकार की नीति के अंतर्गत वे चीन की यात्रा पर जाऐंगे। उन्होंने कहा कि भारत यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। यात्रा का प्रमुख उद्देश्य अनुकूल माहौल बनाना और विश्वास बहाली करना भी कहा गया है।

प्रधानमंत्री के तौर पर ओली पहली बार ही भारत की यात्रा करेंगे। माना जा रहा है कि वे भारत और नेपाल के बीच  सांस्कृतिक, व्यापारिक, शैक्षणिक और अन्य संबंधों पर चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने इस बात से इन्कार कर दिया कि मधेसियों के प्रदर्शन को रोकने के लिए उन्होंने सीमा की नाकेबंदी की और भारत के विरूद्ध चीन का समर्थन हासिल किया।

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