डाकिया दाल लाया, दाल लाया!
डाकिया दाल लाया, दाल लाया!
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नई दिल्ली : आप यह मत समझिये कि खबर के शीर्षक में प्रूफ की कोई त्रुटि हो गई है. दरअसल यह दाल ही है जिसे अब डाकिया चिट्ठियों के साथ हमारे घर तक लेकर आएगा. बता दें कि केंद्र सरकार ने त्योहार के मौसम में लोगों को सही दामो में दाल उपलब्ध कराने के लिए डाक नेटवर्क के माध्यम से रियायती दालों को वितरित करने का निर्णय लिया है.

डाक विभाग के जरिये उपभोक्ताओं को दाल भेजने का यह निर्णय उपभोक्ता मामलों के अंतर मंत्रालयी समिति ने लिया.इस समिति ने सुझाव दिया कि राज्यों में सरकारी आउटलेट के अभाव और उसकी कमी के चलते पूरे देश में फैले डाक नेटवर्क का उपयोग दाल वितरण के लिए किया जाना चाहिए. हालाँकि कुछ सप्ताहों में दालों की कीमतों में भले ही कुछ गिरावट आई है पर त्योहारों के समय दाल की कीमत न बढ़े इसके लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने डाक के जरिए दाल लोगों तक पहुंचाने के निर्णय लिया है.

समिति की बैठक में बताया गया कि अब तक 500 खरीद केंद्र खोले जा चुके हैं और जहां किसानों को चेक या बैंक हस्तांतरण प्रणाली के माध्यम से तुरंत भुगतान किया जा रहा है. सरकार ने चालू सत्र में 50,000 मीट्रिक टन खरीफ दालों की खरीद का लक्ष्य रखा है. लंबे समय बाद थोक मंडी में दाल की आवक व बिक्री दोनों में तेज हो गई है. अचानक हुए इस परिवर्तन से अरहर, मूंग व उड़द दाल के भाव में जोरदार गिरावट आई है. दाल के दाम 20-25 रुपये की कमी आई है. पहले अरहर दाल 120 से 130 किलो बिकने वाली दाल अब 90 से 95 रुपये में मिल रही है. कुछ ऐसा ही असर मूंग, उड़द व मसूर दाल के भाव में भी हुआ है. कुछ अर्सा पहले बाजार में दाल के बढ़ते दामों ने घर का बजट बिगाड़ रखा था.

रबी दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 475 रुपए बढ़ाने की अनुशंसा की

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