यूं तो लोग अधिकांशतया अपनी सुविधा के अनुसार घर का मुख्य द्वार बनाते हैं। लेकिन हमारे ऋषि-महर्षियों और नारद (नारद स्मृति) वशिष्ठ (वशिष्ठ स्मृति) व मनु (मनु स्मृति) आदि के बताए नियमों के अनुसार हम मुख्यद्वार बनवाएं तो वास्तु व ज्योतिष से जुड़े कई दोष दूर कर सकते हैं। जानिए कैसा होना चाहिए घर का मुख्य द्वार और कैसे करें वास्तुदोष का निवारण।
यदि घर के मुख्यद्वार के दोनों ओर खिड़कियां हों तो वास्तु के अनुसार इसे अशुभ माना जाता है। इससे आपका घर असुरक्षित रहेगा और दोनों ओर से आने वाली हवाएं भवन की सकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देंगी। इससे घर का मुखिया आर्थिक समस्याओं से घिरा रहता है।
ऐसे में दोनों खिड़कियों पर गोल पत्ते वाले पौधे लगाएं। कांटेदार और नुकीले पत्तियों वाले पौंधो से बचें।
मनीप्लांट का पौधा लगाना भी लाभकारी है। भवन के मुख्यद्वार के सामने वृक्ष होना भी वास्तु के अनुसार अशुभ माना गया है। इससे कोर्ट-कचहरी से सम्बंधित परेशानियां भी उत्पन्न होती है।
ऐसे में घर के मुख्यद्वार के ऊपर बाहर की ओर अष्टकोणीय दर्पण लगाकर नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है।