फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों की जासूसी के मामले में सामने आया अमेरिका का नाम
फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों की जासूसी के मामले में सामने आया अमेरिका का नाम
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फ्रांस : जासूसी के मामले में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका के खिलाफ सवाल उठाए जा रहे हैं। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति जैक्स शिराक, निकालो सरकोजी और फ्रांस्वा ओलां की जासूसी करवाने को लेकर अमेरिका पर आरोप लगाए जा रहे हैं। मामले में कहा गया है कि वर्ष 2006 से वर्ष 2012 तक फ्रांस के इन राष्ट्रपतियों पर नज़र रखी गई थी। इसके अतिरिक्त फ्रांस के अन्य मंत्री और राजनायिक भी जासूसी के दायरे में लिए गए थे। मामले में कहा गया है कि कई बार विकिलीक्स के माध्यम से फ्रांस के राष्ट्रपति भवन के विभिन्न अधिकारियों के सेलफोन के साथ राष्ट्रपति का नंबर भी टेपिंग में लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि एनएसए में कार्य रकने वाले एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका की ओर से जासूसी के मामले करवाने की बात सामने आने के बाद सभी चैंक गए थे। इसके बाद इस बात में संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका द्वारा इस तरह के कार्य किए गए होंगे।

उल्लेखनीय है कि चीन और अमेरिका कई देशों के खुफिया कोड को पाने के मामले में सुर्खियों में आए हैं कहा जा रहा है कि चीन और अमेरिका के पास कई देशों की कंप्युटर प्रणाली को हैक कर खुफिया कोड हासिल करने के प्रयास किए गए।

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