एक वर्ष में पांचवी बार बोलना पड़ा राष्ट्रपति को, राष्ट्र की एकता व अखंडता बनाए रखे
एक वर्ष में पांचवी बार बोलना पड़ा राष्ट्रपति को, राष्ट्र की एकता व अखंडता बनाए रखे
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नई दिल्ली : मध्य दिल्ली के परेड ग्राउंड में पहुँचे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इन दिनों बढ़ रही असहिष्णुता की घटनाओं पर लोगो से धैर्य रखने की अपील की है। उन्होने कहा कि बढ़ती असहिष्णुता की घटनाओं की मैं निंदा करता हूँ। दशहरा हमारी प्राचीन संस्कृति का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत है। हमें अपने मतभेदों को भुलाकर राष्ट्र हित की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। मैं सबसे शांति और राष्ट्र की एकता को कायम रखने और देश के विकास में योगदान करने की अपील करता हूं।

इससे पहले भी राष्ट्रपति ने दिन में कई ट्वीट कर करुणा, प्रेम, व भ्रातृत्व की भावना को बुराई से जीतने का मंत्र बताया। दशहरा हमें सच्चाई और अच्छाई पर चलने की सीख देता है। राष्ट्रपति ने यह उम्मीद जताई की, इस साल का दशहरा हमें भगवान राम की तरह अपने सिद्धांतों की खोज पर अडिग रहने के लिए प्रेरित करे। हम सामूहिक रूप से सभी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करें और देश के चौतरफा विकास के लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ें।

सोमवार को महामहिम ने इस बात को लेकर गंभीर आशंका जताई थी कि क्या सहिष्णुता और असहमति को स्वीकार करना हमारे देश में कम होता जा रहा है और कहा कि मानवता और बहुलवाद को किसी भी परिस्थिति में नही त्यागना चाहिए और भारत की सामूहिक शक्ति का इस्तेमाल बुरी शक्तियों का प्रतिरोध करने के लिए किया जाना चाहिए।

इस पूरे भाषण क्रम में मुखर्जी के साथ मनमोहम सिंह, सोनिया गाँधी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, राहुल गाँधी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में कही। आंध्र प्रदेश की यात्रा के कारण प्रधानमंत्री मोदी इस समारोह में हिस्सा नहीं ले पाए।

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