देश की बेरोजगारी से राष्ट्रपति मुखर्जी चिंतित
देश की बेरोजगारी से राष्ट्रपति मुखर्जी चिंतित
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नई दिल्ली : हर वर्ष रोजगार बाजार में प्रवेश करने वाले एक करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त मात्रा में रोजगार सृजन नहीं होने पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चिंता व्यक्त की. इसके समाधान के लिए उन्होंने स्टार्टअप पर निर्भरता बढ़ाने के साथ ही छोटे कारोबार शुरू करने पर जोर दिया.

उल्लेखनीय है कि ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के हीरक जयंती वर्ष पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश में उद्यमिता के लिए पूर्ण प्रशिक्षण देने वाली प्रबंधन शिक्षा की तत्काल जरूरत है. उन्होंने कहा, हर वर्ष एक करोड़ लोग रोजगार बाजार में आते हैं, लेकिन उनके लिए पर्याप्त मात्रा में रोजगार सृजित नहीं हो रहे हैं. इसके समाधान के लिए  स्टार्टअप पर निर्भर रहना पड़ेगा. हमें छोटे कारोबार शुरू करने चाहिए.

बता दें कि राष्ट्रपति मुखर्जी ने उत्पादक रोजगार पर जोर देते हुए कहा कि भारत के पास सबसे अधिक युवा शक्ति और कार्यबल है और उसके पास यह सुविधा थोड़े और अधिक समय के लिए रह सकती है. लेकिन यह लाभांश हमें सही लाभांश नहीं देगा यदि हम अपनी युवा शक्ति और कार्यबल को उत्पादक रोजगार में तब्दील नहीं कर पाए. इस मौके पर आपने प्रबंधकीय और उद्यम कौशल बढ़ाने के साथ ही युवाओं के लिए अधिक कारोबार शुरू करने के लिए नौकरी के स्थान पर उनके लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने की जरूरत बताई.

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