नई दिल्ली : देश में प्री-मानसून ने जनता को निराश कर दिया है। भारत में मार्च से मई माह के बीच होने वाली प्री-मानसून बारिश सात साल बाद सबसे कमजोर रही है। इस साल अब तक प्री-मानसून के दौरान सिर्फ 99 एमएम पानी ही बरसा है जबकि पिछले साल 212 एमएम बारिश हुई थी।
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इन राज्यों में स्तिथि ख़राब
जानकारी के मुताबिक प्री-मानसून काल में इस साल दक्षिण के राज्यो में 49 फीसदी तक कम बारिश हुई है, जिसने ज्यादा चिंता बढ़ा दी है। क्षेत्रवार देखें तो मराठवाड़ा-विदर्भ, कोंकण-गोवा, गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी में प्री-मानसून सबसे कमजोर रहा है। साथ ही जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी कर्नाटक, तेलंगाना, रायलसीमा में भी पानी कम ही बरसा।
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इस बार होगी पानी की किल्लत
जानकारी के अनुसार प्री-मानसून बारिश खेती, भूजल भरण और जमीन में नमी को बरकरार रखने के लिए जरूरी होती है। इसके अभाव में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। एक पूर्वानुमान में कहा गया है कि देश के 40 फीसदी से ज्यादा हिस्से में इस साल सूखे की मार पड़ सकती है। इसकी बड़ी वजह कमजोर प्री-मानसून को बताया जा रहा है।
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