भीषण हादसा: सड़क हादसे में शिकार हुए बिहार और वाराणसी के कई लोग
भीषण हादसा: सड़क हादसे में शिकार हुए बिहार और वाराणसी के कई लोग
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पटना: दुनियाभर में बीते कई दिनों से लगातार बढ़ती जा रही जुर्म, घटनाओं की आपदाओं के साथ कई ढेर सारी परेशानी आज मानवीय जीवन के लिए बड़ी कठनाई बन चुका है. वहीं बीते शुक्रवार सुबह नवाबगंज के वाजिदपुर परागनगर में ट्रक और स्कार्पियो की भिड़त में हुई नौ लोगों की मौत में पांच लोग बिहार जबकि तीन लोग वाराणसी के रहने वाले थे. जंहा हरियाणा निवासी स्कार्पियो चालक भी दुर्घटना का शिकार हुआ. हादसे में बिहार के दंपति और उनकी 12 साल की बेटी की मौत हो गई, वहीं वाराणसी की महिला, उसकी बेटी और पौत्र ने भी अपनी जान से हाथ धो दिया. 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के अरवल जनपद के कोरियम निवासी चितरंजन अपनी पत्नी बिंदू व 12 वर्षीय बेटी कोमल के साथ राजस्थान के अलवर के भिवानी में रहता था. लॉकडाउन में सभी फंस गए थे. कई बार ट्रेन के टिकट के लिए भी परेशान हुए. टिकट नहीं मिला तो चितरंजन ने घर आने के लिए स्कार्पियो बुक कर ली. उसके साथ वाराणसी के नई बस्ती चेतगंज की रहने वाली शिवांगी पत्नी गौरव, उसकी मां रीता देवी और पांच साल का बेटा गौरांग भी बनारस आने के लिए तैयार हो गए. चितरंजन का पड़ोसी नीतेश भी घर आने के लिए तैयार हो गया. उसी बस्ती में रहने वाले बिहार निवासी नंदलाल की बेटी का गौना था. वह भी चितरंजन से गांव ले चलने को कहते हुए किराया देने को तैयार हो गया.

सबकी मंजूरी से नंदलाल खुद के साथ ही अपने भतीजे बंटी को लेकर गाड़ी में सवार हो गया. स्कार्पियो रंगला मेवात हरियाणा निवासी धर्मेंद्र चला रहा था. नवाबगंज के  वाजिदपुर पहुंचने पर ट्रक से टक्कर हो गई. हादसे में बंटी को छोड़कर सभी लोगों की मौत हो गई. 

मासूम बच्ची को देखने घर लौट रहा था नीतेश: नीतेश की शादी साल भर पहले हुई थी. लॉकडाउन के पहले उसकी पत्नी ने बच्ची को जन्म दिया था. वह घर आना चाह रह था. लॉकडाउन के चलते वह फंस गया था. बेटी को देखने के लिए काफी दिनों से परेशान था, लेकिन नियति को शायद यह मंजूर नहीं था.

पत्नी का क्षतविक्षत शव देख पहचान नहीं पाया पति: शिवांगी गुप्ता के क्षतविक्षत शव की पहचान कराने के लिए पुलिस ने उसके पति के मोबाइल पर फोटो भेजा. शिवांगी के साथ उसकी मां की भी फोटो भेजी. खून से लथपथ चेहरा देखने के बाद पति शिवांगी और अपनी सास को पहचान नहीं सका. काफी देर बाद उसने शिनाख्त की.

रात एक बजे तक शवों का हुआ पोस्टमार्टम: नौ शवों की पहचान कर पोस्टमार्टम करने में  रात के एक बज गए. एसओ आशुतोष त्रिपाठी ने एक गाड़ी बुककर हादसे के बाद गाड़ी में रखे मृतकों के सामान और मोबाइल आदि को पोस्टमार्टम हाउस मंगवाया. बाद में परिजनों को सुर्पुद कर दिया. 

बंटी की तहरीर पर दर्ज हुआ ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा: हादसे में एकमात्र जिंदा बचे बंटी की तहरीर पर नवाबगंज पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी खोजबीन शुरू कर दी है. नवाबगंज एसओ आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि स्कार्पियो और ट्रक दोनों झारखंड की ही हैं. स्कार्पियो का नंबर गलत लग रहा है. जांच की जा रही है.

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