नई दिल्ली: शीर्ष अदालत के वरिष्ठ एडवोकेट और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने राम मंदिर के भूमि पूजन पर सवाल खड़े करते हुए बुधवार को एक विवादित ट्वीट किया है. एक कार्टून की इमेज को पोस्ट करते हुए प्रशांत ने लिखा कि ''ताली, थाली, मोमबत्ती, पापड़ के बाद, अब कोरोना वायरस से बचने के लिए भूमि पूजन.'' प्रशांत से पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी राम मंदिर भूमि पूजन पर सवाल खड़े किए थे.
प्रशांत भूषण ने राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि, "ताली, थाली, मोमबत्ती और पापड़ के बाद अब हमें कोरोना वायरस से बचाने के लिए अयोध्या मंदिर की बारी है." प्रशांत से पहले असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर पीएम मोदी के भूमि पूजन में शामिल होने को असंवैधानिक करार दिया था. ओवैसी ने कहा था कि, पीएम मोदी का भूमि पूजन समारोह में शिरकत करना संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है. हम यह नहीं भूल सकते कि बाबरी 400 वर्षों से ज्यादा समय तक अयोध्या में रही और 1992 में आपराधिक भीड़ ने इसे ढहा दिया था.'
बता दें कि 05 अगस्त को पीएम मोदी भव्य राम मंदिर की नींव रखेंगे. पीएम मोदी तक़रीबन 40 किलो के चांदी की ईंट से राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे. राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए कई दिग्गज हस्तियों को न्योता भेजा है. भूमि पूजन के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं. भूमि पूजन की गेस्ट लिस्ट में उद्योग जगत की भी कई बड़ी हस्तियों को निमंत्रण भेजा जा रहा है . इनमें रतन टाटा, मुकेश अम्बानी, गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिड़ला, आनन्द महिंद्रा, राहुल और राजीव बजाज जैसे 10 उद्योग जगत की बड़ी शख्सियतों के नाम शामिल हैं.
भारत ने दी मंजूरी, देश में कैम्पस खोलेगी विदेशी यूनिवर्सिटी