अर्थव्यवस्था बढ़े लेकिन गरीबों की ना हो उपेक्षा : राष्ट्रपति
अर्थव्यवस्था बढ़े लेकिन गरीबों की ना हो उपेक्षा : राष्ट्रपति
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रांची : हाल ही में देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत की अर्थव्यवस्था की चाल को देखते हुए यह कहा है कि आज 20 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ आज भारत दुनिया की 9वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस अर्थव्यवस्था की दौड़ में देश के 25 करोड़ गरीबों की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए. बता दे कि प्रणब मुखर्जी दो दिनों के झारखंड दौरे पर पहुंचे जहाँ रविवार को उन्होंने निखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन के 88वें सम्मेलन का उद्घाटन भी किया.

उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा है कि आज भारत के द्वारा 9 करोड़ टन से भी अधिक इस्पात का उत्पादन प्रतिवर्ष किया जाता है और इसके साथ ही 38 लाख से अधिक ऑटोमोबाइल निर्माण का काम भारत के द्वारा किया जा रहा है. साथ ही भारत से 27 करोड़ टन सीमेंट का उत्पादन भी हर साल किया जा रहा है. लेकिन इन सब के बावजूद कही ऐसा ना हो कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किये जाने के काम में देश में गरीब पीछे रह जाये. उन्होंने कहा है कि सरकार के द्वारा 25 करोड़ गरीबों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए.

इन गरीबी रेखा के निचे आने वाले लोगो के लिए भी नीतियों का निर्माण किया जाना चाहिए. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी हमेशा से यह बात कहते थे कि महान वही बन पाता है जो अपने लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने में सक्षम होता है. और सरकार को इन गरीबों और किसानों के जीवन में अहम बदलाव लाने के लिए देश को और शिक्षा से जुड़े लोगों को काम करने की जरुरत है.

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