वाॅशिंगटन : यदि आपके सामने विशेष तरह की दाढ़ी, टोपी और कुर्ते पायजामा पहने हुए कुछ लोग आ जाए तो आप क्या कहेंगे। उन्हें देखकर क्या आप कहेंगे कि सावधान मुसलमान आ रहे हैं, जी नहीं, यही प्रतीक है हमारे अपनेपन का और एकता के साथ अखंडता का। अमेरीका में इन दिनों कुछ अलग तरह का माहौल देखने को मिल रहा है। जिसमें कहा गया है कि कुछ शहरों बसों और रेलवे स्टेशनों में मुसलमानों के विरूद्ध पोस्टर चस्पा किए गए। माना गया है कि विश्व में इस्लामिक आतंकवाद के बढ़ते कदमों के चलते अमेरिकी नागरिक इस तरह की धारणा बनाने पर मजबूर हैं।
हाल ही में मुसलमानों को लेकर चस्पा किए गए पोस्टरों पर जवाब देते हुए द मुस्लिम्स और कमिंगा नामक डाॅक्यूमेंट्री बनाने वाली नेगीन फ़रसाद और डीन ओबेदुल्ला न्यूयाॅर्क के 140 सबवे स्टेशन्स पर इस तरह के पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टर्स पर तरह तरह के कोटेशन लिखे गए हैं। जिसमें एक शब्द लिखा गया है कि सावधान मुसलमान आ रहे हैं। इनके नीचे लिखा गया था और वो इतनी जोर से गले लगाकार हमला करेंगे कि आप अपनी दादी को फोन लगाकर यह बताऐंगे कि वे आपको कितना प्यार करते हैं।
पोस्टर बनाने वाली नेगीन फरसाद ने कहा कि पोस्टर देखने से यदि आपको नफरत का भाव ही सामने नज़र आता है तो वह पोस्टर किस काम का बल्कि इसके बजाया यदि आप हंस सके तो वह पोस्टर अधिक उपयोगी है। एक अन्य पोस्टर में यह संदेश दिया गया है कि सभी आतंकवादी सिरफिरे हैं। यहां सिरफिरे के स्थान पर एक शब्द मुसलमान लिखा गया है मगर यहां मुसलमान शब्द को काट दिया गया है।
इससे पोस्टर की क्रिएटिविटी में निखार आ गया है। इसके बाद जहां सिरफिर दिया गया है उसके ब्रेकेट में दिया गया है कि यह ज्यादा सही है। बीते अक्टूबर से ही न्यूयाॅर्क, सेन फ्रांसिस्को और फिलाडेल्फिया में विभिन्न गुटों में इस्लाम और मुसलमानों को आतंकवाद से जोड़ते हुए पोस्टर जारी किए गए, इन पोस्टरों में लिखा गया था मुसलमानों को यहूदियों से घृणा करना ही सिखाया गया है। यही नहीं यह भी कहा गया कि इस्लामी देशों को अमेरिका से मिलने वाली सहायता को बंद किया जाना चाहिए। इस तरह के गुट न्यूयाॅर्क में और ज्यादा पोस्टर लगाने जा रहा है।