आज फर्जी आधार कार्ड बनवा रहे, कल आपका 'हक' मारेंगे रोहिंग्या और बांग्लादेशी.. बड़े संकट में देश
आज फर्जी आधार कार्ड बनवा रहे, कल आपका 'हक' मारेंगे रोहिंग्या और बांग्लादेशी.. बड़े संकट में देश
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पटना: इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) देश की सम्प्रभुता और एकता को तोड़ने के लिए विभिन्न तरीके की साजिशें रचता रहा है। देश में सांप्रदायिक दंगे भड़काने से लेकर देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता पाए जाने के बाद अब PFI की एक और करतूत सामने आई है।  दरअसल, पटना पुलिस की जाँच के बाद यह खुलासा हुआ है कि अपने संगठन में शामिल करने के लिए PFI रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी घुसपैठियों के फर्जी आधार कार्ड बनवा रहा है।

पटना पुलिस ने अपनी इस जाँच में बताया है कि हमें आशंका है कि PFI आधार कार्ड बनवाने के लिए तस्करों द्वारा फर्जी दस्तावेज़ तैयार करवाने के साथ ही ऐसे हथकंडे अपना रहा है, जिससे घुसपैठियों की शिनाख्त होना बेहद मुश्किल है। पुलिस ने यह भी कहा है कि PFI रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों को कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में मजदूरों के रूप में भेज रहा है, ताकि इनकी नई पहचान बनाई जा सके। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके लिए PFI बिहार के सीमांचल क्षेत्र खासतौर से किशनगंज, दरभंगा, कटिहार, मधुबनी, सुपौल और पूर्णिया जिलों पर फोकस कर रहा है।

इस रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से यह भी बताया गया है कि फर्जी आधार कार्ड बनवाने के लिए PFI संगठन, भारतीय मुस्लिम परिवारों का इस्तेमाल कर रहा है। इसके लिए, कट्टरपंथी संगठन इन मुस्लिम परिवारों को विभिन्न तरह के प्रलोभन देते हुए कुछ पैसे भी देता है। जिसके बाद, भारतीय मुस्लिम परिवार रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों को अपने परिवार का हिस्सा बताने लगते हैं। जिस व्यक्ति के फर्जी कागज़ात तैयार कराने होते हैं, उसके लिए इन मुस्लिम परिवारों द्वारा यह कहा जाता है कि जब यह छोटा था तो इसे रिश्तेदार के यहाँ पहुंचा दिया था और किसी वजह से उसका वहाँ आधार कार्ड नहीं बन पाया है। किन्तु, अब यह हमारे साथ रहने के लिए वापस आ गया है इसलिए इसके आधार कार्ड की जरूरत है।

रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर बिहार पुलिस के अफसर इस बात की भी आशंका जताते हैं कि बंगाल-असम की सरहद पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, इसलिए अब घुसपैठिए भारत-नेपाल बॉर्डर के जरिए घुसपैठ कर रहे हैं। यही वजह है कि भारत-नेपाल बॉर्डर पर कई अवैध कालोनियाँ बस चुकीं हैं। बिहार पुलिस के अधिकारी ने जानकारी दी है कि एक अनुमान के अनुसार, 2018 के बाद से अब तक नेपाल बॉर्डर पर करीब 500 करोड़ रुपए की लागत से लगभग 700 नई मस्जिदें और मदरसे बना दिए गए हैं। सरहद पर हुए इस अवैध निर्माण के लिए UAE, कतर और तुर्की जैसों इस्लामी देशों द्वारा फंडिंग मिलने का अंदेशा भी जताया जा रहा है।

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