जानिए पुंछ में शहीद हुए जवानों की कहानी, सुनकर नहीं रोक पाएंगे आंसू
जानिए पुंछ में शहीद हुए जवानों की कहानी, सुनकर नहीं रोक पाएंगे आंसू
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जम्मू: कश्मीर में 2006 में, नायब सूबेदार जसविंदर सिंह को तीन दहशतगर्दो को मारने में महत्वपूर्ण किरदार निभाने के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया था। सोमवार को पुंछ में जसविंदर सिंह उग्रवादियों की गोलियों का निशाना बन गए। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में दहशतगर्दो से हुई मुठभेड़ में एक जूनियर कमीशंड अफसर तथा चार जवान शहीद हो गए थे। सुरक्षा बलों को पुंछ सेक्टर में दहशतगर्दो के उपस्थित होने की जानकारी प्राप्त हुई थी। जिसके पश्चात् सेना के सैनिक वहां पहुंचे थे तथा तलाशी अभियान आरम्भ किया था। इस के चलते सेना पर दहशतगर्दो की ओर से फायरिंग आरम्भ कर दी गई।

वही दहशतगर्दो से मुठभेड़ में शहीद हुए नायब सूबेदार जसविंदर सिंह के परिजनों ने बताया कि अंतिम बार जब उन्होंने बात की थी, तो जसविंदर ने अपने दिवंगत पिता के लिए आयोजित कार्यक्रम की दिनांक के बारे में पूछताछ की थी। उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों से बात की थी। 39 वर्ष के जसविंदर पंजाब के कपूरथला जिले के माना तलवंडी गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में बीवी सुखप्रीत कौर (35), बेटे विक्रजीत सिंह (13), बेटी हरनूर कौर (11) तथा मां (65) हैं। जसविंदर के पिता हरभजन सिंह ने भी सेना में सेवा की, कैप्टन (मानद) के तौर पर रिटायर्ड हुए। बड़े भाई राजिंदर सिंह, जो 2015 में सेना से रिटायर्ड हुए, उन्होंने बताया कि जसविंदर 2001 में 12 वीं कक्षा के पश्चात् ही सेना में सम्मिलित हो गए थे। तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे जसविंदर मई में अंतिम बार घर आए थे जब उनके पिता की मृत्यु हुई थी।

वही मारे गए पांच जवानों में 30 वर्ष के नायक मंदीप सिंह ने डेढ़ वर्ष पहले अपने भाई जगरूप सिंह से अंतिम बार भेंट की थी, जो राजस्थान के गंगानगर में तैनात थे। जगरूप सिंह अपने भाई के दाह संस्कार में सम्मिलित होने के लिए पंजाब के गुरदासपुर के गांव छठा गांव पहुंचे हैं। जगरूप ने बताया कि उनकी पोस्टिंग को देखते हुए, दोनों ने हाल ही में सिर्फ वीडियो कॉल पर एक-दूसरे को देखा था। उन कॉलों में से एक पुंछ मुठभेड़ से कुछ घंटे पूर्व की थी। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के तीन सैनिकों के परिवार को 50 लाख रुपए की सहायता तथा एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।

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