कोरोना वायरस के प्रकोप से हर राज्य घबराया हुआ है. वायरस के संक्रमण ने हर राज्यों को परेशानी में डाल दिया है. वही, बिहार में सियासी बयानबाजी शुरू है. ताजा मामला दिल्ली में आयोजित तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने और वहां से उनके बिहार आने का है. लॉकडाउन के दौरान संदिग्ध कोरोना संक्रमित लोगों की इस आवाजाही पर बिहार में राजनीति गर्म हो गई है. विपक्ष ने सरकार पर कोरोना को लेकर कैजुअल अप्रोच लेने का आराेप लगाया है. उधर सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड ने भी विपक्ष को संकट की घड़ी में राजनीति नहीं करने की नसीहत दी है.
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इस मामले को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज मनोज झा ने कहा है कि सरकार कोरोना की गंभीरता को समझाने के बदले कई बातों को कैजुअल ले रही है. तब्लीगी जमात के लोगों के बिहार आने को लेकर उन्होंने कहा कि यह संकेत है कि तैयारी में कमी है. अभी भी वक्त है. उन लोगों को ट्रेस किया जा सकता है. सरकार को अपनी संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए. केवल माहौल बनाने से कुछ नहीं होने वाला. केवल कुछ संस्थानों को निशाने पर लेना भी गलत है.
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अपने संबोधन में राज्य सरकार पर हमलावर बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि कोरोना संकट ने सरकार को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है. सरकार ने समय पर कोई कदम नहीं उठाया. तब्लीगी जमात मामले में भी समय पर कोई जानकारी नहीं ली. इतना ही नहीं, जमात के कई लोगों के पकड़ में आने के बावजूद उनके जांच सैंपल नहीं लिए गए.
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