राजनीतिक दलों को रास आ रहा चंदे का फंडा
राजनीतिक दलों को रास आ रहा चंदे का फंडा
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नई दिल्ली : देश में चंदा मांगने की बड़ी आदत है। आपके क्षेत्र में श्री गणेश चतुर्थी हो, नवरात्रि हो या फिर कोई और आयोजन कुछ लोग रसीद कट्टा लेकर आ जाते हैं और फिर आपको चंदा देना ही पड़ता है मगर क्या आपने यह विचार किया है कि जब कोई राजनीतिक दल जब आपसे चंदा या शुल्क की मांग करे तब आप क्या करेंगे। चिंता मत करिए ये दल चंदे के लिए बड़े-बड़े आसामी तलाशते हैं। चंदे के फंडे से पोलिटिकल पार्टीज़ मालामाल हो गई है।

सबसे ज़्यादा चांदी तो भाजपा की हो रही है। जिसके झोली में 115.5 करोड़ रूपए का चंदा पहुंच गया। सबसे ज़्यादा चंदा प्राप्त करने वालों में कांग्रेस का क्रम दूसरे स्थान पर है। कांग्रेस को 31.7 करोड़ रूपए का चंदा मिला है। एनसीपी को सबसे ज्ऋयादा चंदा पाने वालों की सूची में तीसरे क्रम पर रखा गया है। उसे 6.8 करोड़ रूपए का चंदा दिया गया।

जानकारी के अनुसार इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड कंपनी, डीएलएफ ग्रुप और भारती एयरटेल ने भाजपा को सर्वाधिक चंदा दिय। टाटा समूह और सीईएटी लिमिटेड ने कांग्रेस को चंदा दे दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुरीद भी कम नहीं थे। आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में बिखरने के बाद अपने लिए व्यापक स्तर पर फंड जुटाया। लोकजन शक्ति पार्टी और तेदेपा को भी चंदे की अच्छी चांदी मिली है।

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