नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेताओं में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का भी नाम भी शुमार है. वर्तमान समय में पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बाद राजनाथ सिंह पार्टी में सबसे कद्दावर और जनाधार वाले नेता माने जाते हैं. उनके राजनीतिक कद का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पार्टी के दिग्गज नेता लाल कृष्णू आडवाणी के बाद ऐसे नेता हैं जो पार्टी की कमान दो दफा संभाल चुके हैं. ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता की निगाहें राजनाथ सिंह पर भी रहेगी.
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बनारस के निकट चंदौली जिले में जन्मे राजनाथ सिंह एक कुशल प्रशासक के रूप में पहचाने जाते रहे हैं. राजनाथ राजनीति में कदम रखने से पहले मिर्जापुर के कालेज में प्रोफेसर पद पर कार्यरत थे. किन्तु बचपन से ही संघ के आंगन में पले बढ़े हैं. भाजपा के मातृ संगठन के रूप में प्रख्यात आरएसएस से राजनाथ की नजदीकी जगजाहिर है. आरएसएस के साथ उनके बेहतर संबंध का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आडवाणी के जिन्ना मामले के बाद संघ ने राजनाथ को ही पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी दी थी.
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इसके बाद दूसरी दफा भाजपा की कमान राजनाथ सिंह ने उस समय संभाली थी जब पूर्ती मामले में नितिन गडकरी का नाम प्रकाश में आया था. खास बात ये है कि राजनाथ सिंह ने अध्यक्षकाल में ही 2013 में प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लग गई थी. हालांकि भाजपा के कई नेता इस बात से सहमत नहीं थे, किन्तु राजनाथ सिंह ने आगे आकर उनके नाम को बढ़ाया है.
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