आसाराम को पकड़ने की सजा भुगत रहे ये पुलिस ऑफिसर, एके-47 से उड़ाने की धमकी
आसाराम को पकड़ने की सजा भुगत रहे ये पुलिस ऑफिसर, एके-47 से उड़ाने की धमकी
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जोधपुर : दुष्कर्म के आऱोप में जेल की सजा काट रहे आसाराम के केस की जांच कर रही डीएसपी चंचल मिश्रा को जान से मारने और एके-47 से उड़ाने की धमकी मिल रही है। हांलाकि यह कोई नई बात नहीं है। ऐसी धमकियां उऩ्हें पहले भी मिलती रही है। चंचल ऐसी अकेली ऑफिसर नहीं है।

ढाई साल पहले इंदौर से आसाराम को पकड़कर जोधपुर ले जाने वाली पांच अधिकारियों की टीम को भी धमकियां दी गई है। इसी टीम ने हजारों समर्थकों के बीच आसाराम को बिना किसी हंगामें के पकड़ कर लाई थी। इसके बाद से ही इन अधिकारियों व इनके परिवार को जान से मारने की धमकियां मिल रही है।

जोधपुर की टीम जब इंदौर आश्रम पहुंची तो वहां आईजी ने कहा था कि आप पूछताछ के लिए आए हैं न? तत्कालीन एसीपी चंचल मिश्रा ने जवाब दिया- नहीं गिरफ्तार करने। वे पहले तो चौके लेकिन टीम का भरोसा देख कहा कि ठीक है आप लोग ही लीड करो। कई बार तो इन पर कोर्ट परिसर में ही हमले तक हुए।

औऱ तो और आसाराम को इंदौर से जोधपुर ले जाने का 65 हजार का खर्च भी इन्हें अपनी जेब से भरना पड़ा। सभी ने 13-13 हजार रुपए मिलाए। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ने इन्हें रिवॉर्ड दिलवाने के लिए मंत्रालय में रेकमेंडेशन जरुर भेजा था, पर आज तक रिप्लाई नहीं आया।

अहमदाबाद में आसाराम के शूटर कार्तिक ने खुलासा किया कि मिश्रा को एके-47 से उड़ाने की उसे सुपारी मिली थी। इसके बाद मिश्रा की सुरक्षा बढा दी गई है, उनके साथ हमेशा 4 गनमैन रहते हैं। एएसआई सत्यप्रकाश ने बताया कि आसाराम ने कई बार सीओ बनवा देने का लालच दिया।

एएसआई मुक्ता पारिक को छिंदवाड़ा आश्रम का इंचार्ज बनाने का भी ऑफर दिया गया। पारीक का कहना है कि आसाराम समर्थक कोर्ट में फर्जी वकील बनकर आ गए और उन्होंने जांचकर्ता टीम को घूस देने का प्रयास किया। फैक्स व फोन पर भी ऐसे प्रयास हुए। इनके साहस का आलम ये है कि इन लोगों ने सुनवाई कर रहे जजों तक को नहीं छोड़ा।

27 अक्टूर 2014 को जज पर मिट्‌टी भरी बोतल फेंकने की कोशिश हुई। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार करना आसान नहीं था। बाद में भी अफसरों को धमकियां मिलती रहीं, लेकिन यह हमारे काम का हिस्सा है। मैंने टीम के लिए प्रोत्साहन प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा था, उसका क्या हुआ, यह पता नहीं।

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