'भले सस्पेंड कर दो, पर बांदा मत भेजो..', जिस जेल में कैद है मुख़्तार अंसारी, वहां जाने से डर रहे पुलिस अफसर
'भले सस्पेंड कर दो, पर बांदा मत भेजो..', जिस जेल में कैद है मुख़्तार अंसारी, वहां जाने से डर रहे पुलिस अफसर
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जेलों की सुरक्षा किसी से छिपी नहीं हैं. यहां की बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी का क़त्ल हुआ. फिर चित्रकूट जेल में मुकीम काला, अंशु दीक्षित और मुख्तार अंसारी के गुर्गे मेराज की भी हत्या हो चुकी है. यूपी की जेलों में हुए इन हाई प्रोफाइल हत्याकांड के बाद से लगातार सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगते रहे हैं. ऐसे में आलम ये है कि राज्य की सबसे संवेदनशील जेल बांदा में अब कोई अधिकारी पोस्टिंग नहीं चाहता. बताया जा रहा है कि अधिकारी, उच्च अफसरों के सामने कह रहे हैं कि 'भले ही सस्पेंड कर दो पर बांदा मत भेजो.'

पिछले 8 माह से बांदा की सीनियर सुपरिंटेंडेंट रैंक के अफसर वाली जेल को अब जेलर चला रहा है. 3 अधिकारियों की पोस्टिंग की गई थी. किन्तु किसी भी अधिकारी ने ज्वाइन नहीं किया. विगत 6 अप्रैल 2021 की सुबह 4 बजे पंजाब की रोपड़ जेल से लाकर मुख्तार अंसारी को बांदा जेल की बैरक नंबर-16 में रखा गया था. इसके बाद से ही बांदा जेल अति संवेदनशील जेलों में शुमार है. बांदा जेल मंडलीय कारागार है, यानी इस जेल पर जेलर नहीं, बल्कि सीनियर सुपरिंटेंडेंट रैंक का वरिष्ठ अफसर ही तैनात होगा. मगर, इतनी संवेदनशील जेल में भी एक जेलर और दो डिप्टी जेलर ही तैनात हैं. मुख्तार के बांदा जेल पहुंचने के बाद से शासन ने तीन अधिकारियों को जेल अधीक्षक के पद पर भेजा, मगर किसी ने भी ज्वाइन नहीं किया.

मुख्तार अंसारी को बांदा जेल लाने की प्रक्रिया शुरू होते ही बांदा के जेलर रहे रंजीत कुमार सिंह 17 अक्टूबर 2020 से अनुपस्थित हो गए. यही कारण था कि हमीरपुर के जेलर पीके त्रिपाठी को 19 अक्टूबर 2020 से मुख्तार अंसारी के पहुंचने तक बांदा जेल में भेजा गया. मुख्तार अंसारी के बांदा जेल पहुंचने पर उन्नाव से एके सिंह को जेल अधीक्षक बनाकर बांदा में तबादला किया गया. मुख्तार के बांदा जेल पहुंचने के बाद 17 मई 2021 को एके सिंह ने जेल अधीक्षक के पद पर कार्यभार संभाला. मगर 5 माह बाद ही वह मेडिकल पर चले गए और लगातार 2- 2 हफ़्तों का मेडिकल बढ़वाते रहे. फिर सरकार को 23 दिसंबर 2021 को एके सिंह को लखनऊ ट्रेनिंग हेडक्वार्टर पर ट्रांसफर करना पड़ा.

सरकार ने बरेली के जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह को बांदा का जेल अधीक्षक नियुक्त किया, मगर विजय विक्रम सिंह ने बांदा जेल अधीक्षक के पद पर ज्वाइन नहीं किया और मेडिकल पर चले गए. सरकार ने 29 दिसंबर 2021 को विजय विक्रम सिंह को निलंबित कर दिया और 30 दिसंबर को ही प्रमोशन लिस्ट से भी बाहर कर दिया. हाल ही में जेल हेडक्वार्टर की ओर से लखनऊ के जेल अधीक्षक आशीष तिवारी का नाम शासन में बांदा जेल अधीक्षक के लिए भेजा गया. सूत्रों के अनुसार, आशीष तिवारी ने भी बांदा जाने से इंकार कर दिया जेल अधीक्षक के प्रपोजल को वापस लौटा दिया. 

बांदा जेल में जेल अधीक्षक की तैनाती ना होने पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी का कहना है कि इससे बांदा जेल में कोई कामकाज प्रभावित नहीं हो रहा है. जेल की सुरक्षा पूरी तरह से पुख्ता है. जेल अधीक्षक स्तर के अफसरों की कमी के कारण कई जेल बगैर अधीक्षक के हैं, अगली बार जब प्रमोशन होगा, तो यह कमी पूरी कर दी जाएगी. बता दें कि इसी मुख़्तार अंसारी के चाचा हैं हामिद अंसारी, जो देश के पूर्व उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं. हाल ही में हामिद अंसारी ने गणतंत्र दिवस पर कहा था कि भारत में असहिष्णुता बढ़ रही है और देश के अल्पसंख्यकों में असुरक्षा का माहौल है .

 

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