Apr 16 2018 02:03 PM
1. आ गई याद शाम ढलते ही
बुझ गया दिल चराग़ जलते ही.
2. आँखों में उड़ रही है लुटी महफ़िलों की धूल
इबरत-सरा-ए-दहर है और हम हैं दोस्तो.
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