पीएम नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बात कि.मुद्रा योजना के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हुए मोदी बोले कि पिछली सरकारों में लोन उनको मिलती थी, जिसकी पहचान होती थी. पिछली सरकारों में सीएम या वित्त मंत्री खुद फोन कर अपने पसंद के उद्यमियों को लोन दिलवाते थे. पीएम के अनुसार इस देश में एक ऐसा समय था ,जब वित्त मंत्री खुद फोन कर के बड़े उद्योगपतियों को लोन दिलवाने के लिये क्या कुछ नही करते थे, दूसरी तरफ एक छोटा उद्यमी साहूकारों का ब्याज देने के चक्कर में पूरी जिंदगी ब्याज के कर्ज में डूब जाता था.
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आजादी के बाद से ही हमारे देश में लाइसेंस राज की बीमारी हमने देखी है, लोन उसे मिलता था जिसकी पहचान होती थी, या नाम होता था, इस बहाने देश के मध्यम निम्न वर्ग को सिस्टम से बाहर खड़ा कर दिया गया, क्योंकि उसका ना नाम था, ना सिफारिश थी. मुद्रा योजना के 12 करोड़ लोगों में से 55% लोन देश के SC/ST/OBC समाज के युवाओं और महिलाओं को मिला है. मुद्रा योजना के तहत 6 लाख करोड़ रुपये लोन दिए गए. मोदी के अनुसार आज से 25 - 30 साल पहले पॉलिटिकल बैनिफिट के लिये लोन मेले चलते थे, और जो राजनैतिक लोग थे, उनके साथ चेले चपाटे, ठेकेदार, वोटबैंक की राजनीति, ये बैंकों से रुपये मार ले जाते थे. हमने ये सिस्टम बदला था. हमने न लोन मेले किये, ना बिचौलिये को जगह दी, देश के नौजवान, मातायें बहने, जो खुद कुछ कार्य करना चाहते हैं, हमने अपने छोटे उद्यमियों पर उनके बिजनेस स्किल पर भरोसा किया, मुद्रा योजना के तहत उन्हें लोन दिया गया, तकि वो अपना कारोबार खोल सकें
मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की शुरुआत में कहा कि मुझे मुद्रा योजना के कुछ लाभार्थियों के साथ बात करने का अवसर मिला, उनके संघर्ष, अनुभव, तरक्की की कहानियां संतोष भी देती है और मन को गर्व से प्रफुल्लित भी करती हैं. हमने हमारे छोटे उद्यमियों पर भरोसा किया. मुद्रा योजना के तहत उनको लोन दिया गया ताकि वो अपना कारोबार कर सके. मुद्रा योजना से न केवल स्वरोज़गार के अवसर बने बल्कि ये अपने आप में जॉब-मल्टीप्लायर के रूप में काम कर रहा है.
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