मेरे लिए विश्वास का मसला है 'वन-रैंक-वन-पेंशन' : मोदी
मेरे लिए विश्वास का मसला है 'वन-रैंक-वन-पेंशन' : मोदी
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार 'वन-रैंक-वन पेंशन' (ओआरओपी) के उलझे हुए मसले का जल्द ही हल निकालेगी और सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों का हित उनके लिए विश्वास और देशभक्ति का मसला है। मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा, "पूर्व सैन्यकर्मियों का हित मेरे लिए विश्वास और देशभक्ति का मसला है।" उन्होंने कहा, "यह सरकार, मैं फिर दोहराता हूं कि यह सरकार ओआरओपी मसले का हल जरूर निकालेगी। मैं प्रधानमंत्री की हैसियत से बात नहीं कर रहा हूं। 40 सालों से ओआरओपी एक सवाल है और अब तक इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया है।"

मोदी ने ओआरओपी के मुद्दे को जटिल और 40 सालों से लंबित बताते हुए कहा कि सरकार के संबंधित अधिकारी इस मुद्दे का हल निकालने में जुटे हैं। उन्होंने पूर्व सैन्यकर्मियों से मुद्दे को लेकर राजनीतिक रुख नहीं अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "हर बात की जानकारी मीडिया को देने की कोई जरूरत नहीं है। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि यह सरकरा 'वन रैंक, वन पेंशन' का जल्द ही समाधान निकालेगी।" सालों से लंबित ओआरओपी की मांग पूरी नहीं होने के कारण सरकार से नाराज देश की सशस्त्र सेना के सेवानिवृत्त हो चुके सैनिकों ने कहा था कि वे इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं और अगले महीने अपना आंदोलन शुरू करेंगे।

मोदी ने इस मुद्दे को जटिल बताते हुए कहा कि यह मामला पिछले 40 वर्षो से लंबित पड़ा है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी इस समस्या का समााधान निकालने में लगे हुए हैं। उन्होंने पूर्व सैन्यकर्मियों से इस मुद्दे पर हो रही राजनीति से दूर रहने को भी कहा। मोदी ने कहा, "मैं सभी सैनिकों से अनुग्रह करता हूं कि जो लोग इस मुद्दे पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं, वे पिछले 40 सालों से आपके साथ खेल रहे हैं। मैं ऐसा कोई कदम उठाना नहीं चाहता, जिससे यह मुद्दा अधिक जटिल बन जाए। मुझे कुछ समय और दीजिए। आपने 40 साल तक इंतजार किया है, मुझे भी थोड़ा समय दीजिए। मुझे इस समस्या का समाधान निकालने का अवसर दीजिए।"

'मन की बात' में जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने हाल ही में शुरू की गई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर संतोष जताया। उन्होंने यह भी कहा कि वह देश में गरीबी के खिलाफ गरीबों की फौज खड़ी करना चाहते हैं। मोदी ने कहा, "20 दिनों में ही 8.52 करोड़ लोग इस परियोजना से जुड़े। यह जनता के लिए केंद्र सरकार की ओर से सामाजिक उत्थान के लिए शुरू की जा रही पहलों पर उनके भरोसे को दर्शाता है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना देश में सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले एक रुपया प्रतिमाह पर सुरक्षा योजनाएं शुरू करना सोच से परे बात थी। उन्होंने कहा, "सरकार गरीबों को आत्मनिर्भर और सशक्त देखना चाहती है, ताकि उन्हें जीविका के लिए दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े।" प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में योग विश्व को जोड़ने का एक उत्प्रेरक कारक बन गया है और यह 'वसुधव कुटुंबकम' के परिदृश्य में भी बेहद प्रासंगिक है। मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया कि 21 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में सफल बनाएं। उन्होंने विश्वकल्याण और मानवता के लिए योगदूत बनने और दुनिया के लिए योग की शिक्षा को सुलभ बनाने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने हाल ही में शुरू किए गए 'डीडी किसान' चैनल को किसानों के लिए खुला विश्वविद्यालय बताते हुए कहा, "यह कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्रों से जुड़े हर शख्स के लिए हितकारी है।" मोदी ने किसानों और मछुआरों से पेशे को उन्नत बनाने के लिए 'डीडी किसान' चैनल का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने 'मन की बात' में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षा में सफल विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने कहा कि सफल छात्र/छात्राएं अपनी योग्यता के आधार पर भविष्य का पाठ्यक्रम चुनें। मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "जो विद्यार्थी परीक्षा में सफल नहीं हो पाए हैं, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। इस असफलता को नए विकल्पों की तलाश के अवसर के रूप में लें।" उन्होंने कहा, "सफलता और असफलता जीवन का हिस्सा हैं। हम असफलताओं से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।"

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