पटना : लोकसभा चुनाव से पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को फिर एक बार पटना के गांधी मैदान में होंगे। वे एनडीए की संकल्प रैली को संबोधित करेंगे। उनके साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोकजनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान भी होंगे। लेकिन अब बदले माहौल में बिहार की जनता एनडीए पर कितना भरोसा जताती है, यह देखने वाली बात होगी।
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ऐसा है बिहार का गणित
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा इसलिए क्योंकि साल 2014 की बड़ी जीत के ठीक साल भर बाद 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। मोदी के करिश्मे के होते हुए भी भाजपा को 2010 विधानसभा की तुलना में 38 सीटें कम यानी केवल 53 सीटें मिलीं। वही एक भाजपा नेता की माने तो आरजेडी और कांग्रेस का महागठबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम करने की शक्ति का कोई जवाब पेश नहीं कर पाया है। प्रधानमंत्री ने इसी मैदान की एक रैली से बिहार को सवा लाख करोड़ रुपये की मदद करने की बात कही थी, लेकिन बीते चार सालों के बीच उन्होंने इसका लगभग नौ गुना बिहार की जनता को समर्पित कर दिया है।
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ऐसा है पीएम मोदी का गांधी मैदान से नाता
जानकारी के लिए बता दें वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी को भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा चुका था, वे पटना के गांधी मैदान में एक सभा को संबोधित करने वाले थे। उसी दौरान बिहार में बम विस्फोट की घटनाएं घटीं। सुरक्षा एजेंसियों ने नरेंद्र मोदी को तब रैली करने से रोका, लेकिन उन्होंने कहा कि वे एक धमाके से बिहार की उस जनता तक पहुंचना नहीं छोड़ सकते जो उन्हें देखने के लिए लंबी दूरी तय कर पटना आ चुके हैं। नरेंद्र मोदी ने उस दिन पटना के गांधी मैदान में जिस तरह जनता को संबोधित किया था, उसने भाजपा को शानदार जीत दिला दी थी।
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