नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिमाचल के किन्नौर में जवानों के साथ दिवाली मनाई गई, लेकिन बसपा प्रमुख मायावती का कहना है कि मोदी को दिवाली शहीद जवानों के परिवार वालों के साथ दिल्ली में संयुक्त रूप से मनानी चाहिए थी. इसके साथ ही उनको मिलने वाली राशि और अन्य सुविधाएं एक साथ देकर उनके आंसू पौंछने का काम किया जाना चाहिए था. यह मानवता का काम है.
मायावती ने कहा कि अगर मोदी शहीदों के परिवारों के साथ दिवाली मनाते तो उन सैनिकों को भी यह अच्छा लगता. बसपा सुप्रीमो मायावती के अनुसार सीमा पर हमारे सैनिक व अन्य सुरक्षा बलों के जवानों के शहीद होने की आये दिन आ रही खबरे चिंताजनक है. शहीदों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के साथ-साथ उनके परिवार वालों को दी जाने वाली राशि व अन्य सुविधा एक साथ परिवार को दे दी जाती तो यह ज्यादा बेहतर होता. ऐसा करके शहीदों के प्रति देश की सच्ची श्रद्धाजंलि भी होती.
इसीके साथ मायावती ने सरकारी लालफीताशाही पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि लालफीताशाही के कारण शहीदों के परिवार वालों को उनके हिस्से की सुविधाएं समय पर नहीं मिल पाती.आपने सरकार को इन मामलों के प्रति भी और ज्यादा संवेदनशील होकर प्रक्रिया में आवश्यक सुधार करने की जरुरत पर जोर दिया.