मुंबई : महिलाओं को अब शादी या तलाक के बाद पासपोर्ट में अपना नाम बदलवाने की जरूरत नहीं है और वह अपने माता या पिता दोनों में से किसी एक का भी नाम देकर पासपोर्ट बनवा सकती हैं. उद्योग संगठन इंडियन मर्चेंट्स चैंबर के महिला प्रकोष्ठ के एक समारोह को वीडियो लिंक से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि पासपोर्ट नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है. अब किसी महिला के लिए अपनी शादी या तलाक का प्रमाणपत्र देना जरूरी नहीं होगा. यह उसके ऊ पर है कि वह पासपोर्ट पर अपने पिता या माता का नाम रख सकती है.
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है. आईएमसी के 50 वर्ष पूर्ण होने पर महिलाओं की उद्यमशीलता की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब भी महिलाओं को अवसर मिला है, वे पुरुषों से दो कदम आगे रही हैं.आपने ‘लिज्जत पापड़’ और ‘अमूल’ की मिसाल दी. हमारे देश की महिलाओं में सफलता पाने के लिए संघर्ष करने का धैर्य, योग्यता और आत्मविश्वास है.
सरकार की प्रतिबद्धता दिखाते हुए प्रधान मंत्री ने कुछ योजनाएं भी गिनाईं. उन्होंने कहा कि सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन देकर अब तक दो करोड़ महिलाओं को चूल्हों के नुकसानदायक प्रभावों से बचाया है.मातृत्व अवकाश को 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्तों का करने और अस्पतालों में बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं के बैंक खाते में 6,000 रूपए के हस्तांतरण का सरकार का संकल्प भी इसी दिशा में किया गया प्रयास है.मोदी ने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत एक करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खोले गये.
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