नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक तरह से संदेश दे दिया गया है कि अगले शासनकाल में पाकिस्तान के साथ संबंध किस तरह से होंगे। 30 मई, 2019 को पीएम और मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में भारत ने बिम्सटेक के सदस्य देशों (भारत के अलावा नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाइलैंड और म्यांमार) को निमंत्रित किया है। पिछली दफा पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सभी सदस्य देशों को आमंत्रित किया गया था।
उस वक़्त पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ ने इसमें हिस्सा लिया था। किन्तु 2016 से भारत सार्क की जगह बिम्सटेक को बढ़ावा दे रहा है और इस बार के निमंत्रण से यह साफ़ है कि नई सरकार के कार्यकाल में भी यही नीति कायम रहेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि, 'भारत सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए बिम्सटेक के सदस्य देशों को न्योता भेजा है। सरकार की 'पड़ोसी पहले' की नीति के तहत निमंत्रण भेजा गया है।
इसके साथ ही किरगिस्तान के राष्ट्रपति सोरोनबाय जेनेबकोव और मॉरीशस के पीएम प्राविन्द जगन्नाथ को भी निमंत्रित किया गया है।' प्राविन्द जगन्नाथ इस साल के प्रवासी भारतीय दिवस में मुख्य अतिथि थे। किरगिस्तान के राष्ट्रपति को न्योता इसलिए दिया गया है क्योंकि वह अभी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के प्रमुख हैं। एससीओ के शीर्ष नेताओं की बैठक 14-15 जून, 2019 को होने वाली है और उसमें पीएम मोदी भाग लेने जाने वाले हैं।
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