'नेपाल के बिना हमारे राम भी अधूरे हैं': PM मोदी
'नेपाल के बिना हमारे राम भी अधूरे हैं': PM मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नेपाल यात्रा पर हैं। जी हाँ और यहाँ उन्होंने भगवान बुद्ध के जन्मस्थान लुंबिनी का दौरा किया। वहीं इस दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा व उनकी पत्नी भी पीएम के साथ रहीं। आप सभी को बता दें कि दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी सम्पन्न हुई, जिसमें छह समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। वहीं उसके बाद वह संबोधन देने पहुंचे। यहाँ उन्होंने कहा- 'बुद्ध जयंती के पावन अवसर पर इस सभा में उपस्थित सभी लोगों को, पूरे नेपाल की जनता को, दुनिया भर के बुद्ध अनुयायियों को, लुम्बिनी की इस पवित्र भूमि से बहुत-बहुत शुभकामनाएं।'

वहीं अपने संबोधन को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा- 'मायादेवी मंदिर में दर्शन का जो अवसर मुझे मिला, वो भी मेरे लिए अविस्मरणीय है। वो जगह, जहां स्वयं भगवान बुद्ध ने जन्म लिया हो, वहां की ऊर्जा, वहां की चेतना, ये एक अलग ही अहसास है।' इसी के साथ आगे उन्होंने कहा- 'नेपाल के बिना हमारे राम भी अधूरे हैं। अयोध्या राम मंदिर से नेपाल के लोग भी खुश हैं। पीएम मोदी ने कहा कि नेपाल तीर्थों और मठों का देश है। नेपाल यानि दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत सागरमाथा का देश, नेपाल यानि दुनिया के अनेक पवित्र तीर्थों, मंदिरों और मठों का देश, नेपाल यानि दुनिया की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को सहेज कर रखने वाला देश।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'बुद्ध मानवता के सामूहिक बोध का अवतरण हैं। बुद्ध बोध भी हैं, और बुद्ध शोध भी हैं। बुद्ध विचार भी हैं, और बुद्ध संस्कार भी हैं।' इसी के साथ उन्होंने कहा- 'वैशाख पूर्णिमा का दिन लुम्बिनी में सिद्धार्थ के रूप में बुद्ध का जन्म हुआ। इसी दिन बोधगया में वो बोध प्राप्त करके भगवान बुद्ध बने और इसी दिन कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ। एक ही तिथि, एक ही वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध की जीवन यात्रा के ये पड़ाव केवल संयोग मात्र नहीं था। जिस स्थान पर मेरा जन्म हुआ, गुजरात का वडनगर, वो सदियों पहले बौद्ध शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र था। आज भी वहां प्राचीन अवशेष निकल रहे हैं जिनके संरक्षण का काम जारी है। नेपाल में लुम्बिनी म्यूज़ियम का निर्माण भी दोनों देशों के साझा सहयोग का उदाहरण है, और आज हमने लुम्बिनी Buddhist University में डॉ अम्बेडकर Chair for Buddhist Studies स्थापित करने का भी निर्णय लिया।'

आप सभी को बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लुम्बिनी में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी शाम चार बजे कुशीनगर लौट आएंगे। जी हाँ और यहाँ वह महापरिनिर्वाण स्तूप जाएंगे जहां वह दर्शन और पूजा करेंगे।

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