'मैं इस बार एक राखी से गरीब हो गया हूं', लता मंगेशकर को याद कर इमोशनल हुए PM मोदी
'मैं इस बार एक राखी से गरीब हो गया हूं', लता मंगेशकर को याद कर इमोशनल हुए PM मोदी
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स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) हम सभी को छोड़कर जा चुकीं हैं। वह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादों में हम सभी खोए रहते हैं। कुछ समय पहले ही लता मंगेशकर के भाई संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर (Hridaynath Mangeshkar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार (Lata Deenanath Mangeshkar Award) की राशि को पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) में दान करने का फैसला किया। आप सभी जानते ही होंगे लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन के बाद लता दीनानाथ मंगेशकर पुरुस्कार उनकी स्मृति और सम्मान देने के लिए ऐलान किया गया था, जिसमे घोषणा की गई थी कि मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ये पुरस्कार एक वर्ष में केवल एक ही व्यक्ति को दिया जाएगा।

इसी के साथ ही कहा गया था कि, 'वो ही व्यक्ति इस पुरस्कार का हकदार होगा, जिसने देश और उसके लोगों के लिए शानदार और अनुकरणीय योगदान दिया होगा। इसी के तहत पीएम मोदी को ये पुरस्कार दिया गया।' आप सभी को बता दें कि इस पुरस्कार से प्राप्त धनराशी को पीएम मोदी ने एक चैरिटी के लिए डोनेट करने का फैसला किया था। जी हाँ और ट्रस्ट ने ये जानकारी दी कि चैरिटी के लिए उनके द्वारा दी गई एक लाख रुपये की राशी को पीएम केयर फंड में देने का फैसला किया। वहीं दूसरी तरफ हृदयनाथ मंगेशकर ने 26 मई को एक ट्वीट कर बताया कि उन्हें पीएम मोदी की तरफ से एक खत मिला है। जी दरअसल पीएम मोदी ने इस खत में लिखा- 'पिछले महीने मुंबई में पुरस्कार समारोह के दौरान मुझे जो स्नेह मिला, उसको मैं कभी नहीं भूल सकता। मुझे अफसोस है कि अपनी तबीयत खराब होने के कारण मैं आपसे मिल नहीं सका, लेकिन आदिनाथ ने कार्यक्रम को अच्छे से मैनेज किया।'

इसी के साथ उन्होंने आगे लिखा, 'जब मैं ये पुरस्कार ग्रहण करने और अपना वक्तव्य देने के लिए उठा, तब मुझे कई तरह की भावनाओं ने घेर लिया। सबसे ज्यादा याद मुझे लता दीदी की आई। जब मैं पुरस्कार ले रहा था तब मुझे ये आभास हुआ कि मैं इस बार एक राखी से गरीब हो गया हूं। मुझे ये एहसास हुआ कि अब मुझे अपने स्वास्थ्य के बारे में पूछने वाला, मेरी भलाई के बारे में पूछने और साथ ही विभिन्न विषयों पर चर्चा करने वाले फोन कॉल नहीं मिलेंगे।'

इसके अलावा उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा कि, 'इस पुरस्कार के साथ मुझे 1 लाख रुपये की नकद राशि मिली है, क्या मैं इसे किसी धर्मार्थ संस्थान को उनके कार्यों के लिए दान करने का अनुरोध कर सकता हूं? इस राशि का इस्तेमाल दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किया जा सकता है, जो लता दीदी हमेशा से करना चाहती थीं।' वहीं उन्होंने आखिर में लिखा- 'मैं एक बार फिर मंगेशकर परिवार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं और लता दीदी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।'

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