नई दिल्ली : मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो गए हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो गई है. कंपनी बार्कले इंडिया की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि मोदी सरकार अपने शेष कार्यकाल में किसी बड़े काम को करने के बजाय अपनी उपलब्धियों का प्रचार करेगी. कम करों के साथ लोकहितैषी दिखने के प्रयास भी कर सकती है.
उल्लेखनीय है कि इस बारे में कंपनी के मुख्य अर्थशास्त्री सिद्धार्थ सान्याल के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 के चुनाव के लिए कोई नया कार्य शुरू करने के बजाय आधारभूत संरचना की शुरू हो चुकी परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान देंगे. वहीं बड़े आर्थिक मोर्चे पर प्रशासनिक मुहिमों पर उनका ज्यादा ध्यान रहेगा. किसी नए विधायी सुधार की सम्भावना है. मोदी 2014 से किए गए आक्रामक सुधारों को जारी रखने के बजाय चुनिंदा चुनौतियां चुनेंगे.
बता दें कि कम्पनी का यह भी मानना है कि चुनाव के करीब आते ही मोदी बीजेपी की सुधारवादी छवि के बजाय राष्ट्रवादी छवि भुनाने पर ध्यान देगी. काला धन में अब तक जब्त किए 4313 करोड़ रुपये का हवाला देकर मोदी नई मुहिम की शुरुआत कर अपनी नीतियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती का रुख कायम रखने का संकेत दे सकते है.
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