
नई दिल्ली: भारत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के परिवार को उनके स्मारक के लिए राजघाट परिसर में एक भूखंड आवंटित करने की पेशकश की है। मनमोहन सिंह का निधन पिछले साल दिसंबर में हुआ था, और यह कदम उनके सम्मान में उठाया जा रहा है। यह भूमि उसी क्षेत्र में स्थित है, जहां पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का स्मारक है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार के लिए यह स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भूखंड की आवंटन प्रक्रिया के साथ ही सरकार मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने के अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। सूत्रों ने बताया कि इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सरकार फिलहाल परिवार से एक ट्रस्ट बनाने का इंतजार कर रही है, ताकि स्मारक निर्माण की दिशा में कानूनी रूप से काम शुरू किया जा सके। ट्रस्ट के गठन के बाद, वह भूखंड आवंटन के लिए आवेदन करेगा। इसके बाद, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिससे निर्माण कार्य की शुरुआत होगी। सरकार ने यह भी पुष्टि की है कि स्मारक निर्माण के लिए ट्रस्ट को 25 लाख रुपये की राशि भी दान की जाएगी, ताकि यह परियोजना सुचारू रूप से आगे बढ़ सके। नई नीति के तहत, स्मारक के लिए भूमि केवल ट्रस्ट को ही आवंटित की जा सकती है, जिससे ट्रस्ट का गठन इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा बन गया है।
इससे पहले, सरकार ने दिल्ली के राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल और किसान घाट के पास स्मारक के लिए संभावित स्थानों का सुझाव दिया था। लगभग 1 से 1.5 एकड़ भूमि को स्मारक के लिए प्रस्तावित किया गया है, और इस पर विचार किया जा रहा है। मनमोहन सिंह, जिनकी उम्र 92 वर्ष थी, का निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ था। उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए यह कदम उठाया गया है, जिससे देश उनके योगदान को याद करेगा और उनकी सेवाओं को नमन करेगा।