एक अद्भूत वृक्ष पीपलः शास्त्रो में पीपल को काटना घोर अपराध
एक अद्भूत वृक्ष पीपलः शास्त्रो में पीपल को काटना घोर अपराध
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भारत हमेशा से आस्था और विश्वास का देश रहा हैं इसीलिए यहां वृक्षों को भी भगवान की संज्ञा की दी गई है, इसी परंपरा की कढ़ी में एक वृक्ष है पीपल. आज हम पीपल के बारे में कुछ विशेष जानकारी प्रदान करेेगे जो शास्त्र अनुसार है-

  •  ऐसी मान्यता है कि पीपल में भगवान का विष्णु का वास होता है और शास्त्रअनुसार जो पीपल की शनिवार के दिन पूजा करेगा उस दिन उसे विशेष लाभ होगा और आर्थिक समस्याएं दूर होगी इसके विपरित अगर कोई पीपल को कोई हानि पहॅुचाता है उसका यश, र्किती नष्ट होती है ।
  •  पीपल को एक धार्मिक वृक्ष की संज्ञा दी गई है और उसे किसी भी प्रकार का नुकसान पहॅुचाना या काटना शास्त्रविरूध्द है।
  • पीपल एक ऐसा वृक्ष है जो 24 घंटे शुध्द आक्सीजन प्रदान करता है इसलिए भी उसे हानि पहुंचाना शास्त्रविरूध्द है ।
  • पौराणिक मान्यतानुसार भगवान शनिदेव को पीपल का वृक्ष विशेेष प्रिय होता है इसलिए जो इसे हानि पहुंचाता है उसे शनि की तरफ से काफी कष्ट हो सकता है ।
  •  शास्त्रानुसार पीपल का दर्शन, स्पर्श आदि सभी पूण्यकारी है इसीलिए इसे काटना पूरी तरह से निष्ध्दि है फिर भी अगर कोई पीपल को कोई हानि पहॅुचाता है उसे शनि के कोप का भाजन होना पड़ता हैै ।

शास्त्रानुसार पीपल एक ऐसा वृक्ष है जो अपने गुणधर्म के अनुसार पर्यावरण और प्राणियों में एक विशेष उर्जा का संचार करता है इसलिए उसका पूजन करना काफी कल्याणकारी बताया गया है इसलिए इसको किसी भी तरह से हानि पहॅुचाना अपने को धर्मविरूध्द बताया गया है जो बिल्कूल तर्क और न्यायसंगत है ।

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