पटना: मरने के बाद लोगों का पिंडदान किया जाता है. किन्तु, अब लोग जीते-जी अपना पिंडदान करने लगे हैं और ये इसलिए किया जा रहा है क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि उनके बच्चों के पास उनके मरने के बाद पिंडदान कराने का समय भी न रहेगा. हम अपने व्यस्त शेड्यूल में से शादी-पार्टियों में जाने का समय तो निकाल लेते हैं, किन्तु अपने पितरों के पिंडदान के लिए हमारे पास व्यस्त होने के लिए कई बहाने तैयार रहते हैं.
इसी कारण अब ये नौबत आ गई है कि पिंडदान भी ऑनलाइन होने लगे हैं. यह केवल दिखाने के लिए नहीं है. बल्कि लोग बड़ी तादाद पिंडदान का यह रास्ता अपना रहे हैं. ऑनलाइन पूजा, ऑनलाइन दर्शन, ऑनलाइन आरती के बाद अब यह नया ऑनलाइन बिज़नेस और दो कदम आगे है. बस एक फॉर्म भरिए, पैसे दीजिए और समझिए हो गया आपका पिंडदान.
पितृ पक्ष का महीना शुरू हो चुका है और ऑनलाइन पिंडदान का ये धंधा भी पूरे चरम पर है. इसी धंधे में लगे हालिडे वॉयज के प्रशांत वर्मा ने प्रेस वालों से बात करते हुए जानकारी दी है कि, "हमारे पास काफी बुकिंग आती हैं. लोग जीवित रहते हुए हमें पैसे दे जाते हैं और कहते हैं कि हमारे मरने पर पिंडदान करा देना. बच्चों को लेकर हम कॉनफिडेंट नहीं हैं."
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