मुंहासे भी बांझपन के लक्षण!
मुंहासे भी बांझपन के लक्षण!
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आमतौर पर पॉलिसिस्टिक ऑवरी सिंड्रोम (PCOS) भारतीय प्रजनन आयु की महिलाओं में अंत:स्रावी विकारों में एक ऐसा विकार है, जिससे बांझपन होता है। यदि कोई महिला दर्दनाक अनियमित मासिक धर्म या मुंहासे से ग्रस्त है और उसका वजन भी बढ़ रहा है, तो समझिए वह PCOS नामक हार्मोन असुंतलन से गुजर रही है। नई दिल्ली स्थित फोर्टिस लाफेमे हॉस्पिटल में स्त्रीरोग व बांझपन विशेषज्ञ डॉ. ऋषिकेश पाय कहते हैं कि बांझपन उत्पन्न करने वाला PCOS एक अत्यधिक सामान्य सिंड्रोम है जो इन दिनों भारतीय महिलाओं में देखा गया है। हालांकि अधिकांश महिलाएं अभी इस सिंड्रोम से अनभिज्ञ हैं। यह मुंहासे से लेकर, वजन बढ़ाने और हार्मोन असुंतलन जैसी अन्य समस्याएं भी उत्पन्न करता है।

वह कहते हैं कि इसकी रोकथाम के लिए जरूरी है कि यदि किसी महिला को ये लक्षण दिखाई देने लगे, तो वह अपने चिकित्सक से सलाह लें : -

  • अनियमित मासिक धर्म (विलंबित चक्र)
  • मोटापन (मध्य क्षेत्र के आसपास-पेट और जांघों में मोटापन)
  • अतिरोमता (चेहरे या शरीर पर अनचाहे बाल)
  • तैलीय त्वचा और मुंहासे
  • सिर के बालों में पतलापन
  • मनोवृत्ति में अचानक व अत्यधिक बदलाव
  • स्तनों के विकास में कमी
  • झुनझुनाहट (त्वचा का मोटा होना)

डॉ. पाय कहते हैं कि गंभीर स्थिति से बचने के लिए पीसीओएस का प्रारंभिक निदान होना आवश्यक है।

PCOS के उपचार :

डिंबक्षरण :- गर्भ धारण करने के लिए महिलाओं में अंडोत्सर्ग होना जरूरी है, लेकिन यह सिंड्रोम डिंबक्षरण में समस्याएं पैदा करता है, जिसे औषधि-प्रयोग द्वारा ठीक किया जा सकता है।

लैप्रोस्कोपी (कीहोल सर्जरी) :- यह गर्भाशय और ट्यूब की जांच के लिए किया जाता है और पुटिका की लैप्रोस्कोपिक ड्रिलिंग की जा सकती है। इसमें अंडाशय की पुटिका विद्युतधार प्रवाह के साथ पतली सुई के प्रयोग से जला दी जाती है। यह हार्मोन असुंतलन में सुधार लाती है और गर्भावस्था प्राप्त करने में सहायक हो सकती है। लेकिन डिंबग्रंथि ड्रिलिंग का प्रयोग विवेकपूर्ण तरीके से करना होगा, क्योंकि अनुचित तरीका अपनाने से सामान्य डिंबग्रंथि ऊतक के साथ मिल सकते हैं।

PCOS से लड़ने के लिए प्राकृतिक उपाय :

1. फर्टिलिटी डाइट खाएं : विशिष्ट PCOS फर्टिलिटी डाइट खाने में सबसे अच्छी बात यह है कि आपके गर्भवती होने के अवसर बढ़ सकते हैं।

2. अपने दैनिक आहार में प्रोटीन-काबोर्हाइड्रेट की समान मात्रा मिलाएं समान मात्रा में प्रोटीन व काबोर्हाइड्रेट खाने से आपका इंसुलिन स्तर संतुलित रहता है, और इस तरह अपनी प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है।

3. प्रतिदिन पांच भोजनों से बीमारियां दूर रहती हैं, इन पांच भोजनों में तीन नियमित भोजन और दो स्वास्थ्यवर्धक अल्पाहार या पांच छोटे-छोट भोजन।

  • पहला अल्पाहार लंच के पहले लें।
  • दूसरा अल्पाहार सोने से कम से कम 1 घंटे पहले लें।
  • पांच भोजनों में सब्जियों को शामिल करें। हर किसी से हरी सब्जियों का जादू नहीं छिपा है। ये हर काम और हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद है!

4. सप्ताह में पांच दिन न्यूनतम 40 मिनट व्यायाम करें। व्यायाम से PCOS में अत्यधिक मदद मिलती है, जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और इसी के साथ-साथ चयापचय दर में वृद्धि तथा वजन कम करने में मदद मिलती है। आप ऐरोबिक्स और प्रतिरोध व्यायाम कर सकते हैं, दोनों ही फायदेमंद है।

5. कॉफी पीना छोड़ दें : तुरंत नतीजे के लिए, कॉफी का सेवन करना कम या बंद कर दें। कॉफी के सेवन को कम करने से एस्ट्रोजन स्तरों में काफी कमी आ सकती है। इन सभी के संगम से प्रजनन-क्षमता में वृद्धि होकर, स्वस्थ बच्चे का जन्म हो सकता है। PCOS के लक्षण प्रकट होने पर हार्मोन संतुलन को बनाए रखना, उन्नत एस्ट्रोजन चयापचय के लिए स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देना और नियमित डिंबक्षरण व मासिक धर्म को भी उन्नत करना जरूरी है।

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