जयपुर: राजस्थान के खाटू रेलवे स्टेशन पर ट्रेन नहीं रोकना दो लोको पायलट को इतना महंगा पड़ गया कि रेलवे ने दोनों को ताउम्र केवल इंजन चलाने की सजा दी है. दरअसल, 25 फरवरी को ट्रेन संख्या 22481 जोधपुर से निकली थी. इस ट्रेन का परिचालन लोको पायलट अब्दुल वहीद व सहायक पायलट ओमकार कटारिया कर रहे थे.
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निर्धारित समय के मुताबिक, वो ट्रेन लेकर रात 9:30 बजे डेगाना से निकले. अगला स्टॉप छोटी खाटू रेलवे स्टेशन था. यहां कई यात्री ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे थे. वहीं कुछ यात्रियों को ट्रेन से उतरना भी था. किन्तु स्टेशन पर रुकने के स्थान पर ट्रेन 100 की रफ्तार से दनदनाती हुई निकल गई. लगभग 10 किमी दूर जाने पर लोको पायलट को जब कुछ गड़बड़ी समझ आई तब जाकर उन्होंने ट्रेन रोकी. तब जाकर उन्हें पता लगा कि वो छोटी खाटू रेलवे स्टेशन को पीछे छोड़ आए हैं, जहां उनका स्टॉपेज था.
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गलती का एहसास होने पर गार्ड और लोको पायलट ने ट्रेन को लगभग 10 किमी पीछे लिया. बाद में पैसेंजर्स को लेकर ट्रेन आगे बढ़ी. इस गलती के सामने आने पर रेलवे ने जांच कमिटी बैठाकर लोको पायलट अब्दुल वहीद और सहायक पायलट ओमकार कटारिया को ताउम्र मात्र इंजन चलाने और खाली ट्रेनों की शंटिंग करवाने की सजा दी है. अब दोनों लोको पायलट जिंदगी भर पैसेंजर ट्रेन नहीं चला सकेंगे.
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