कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के द्वारा भविष्य निधि में योगदान जमा किये जाने को लेकर कर्मचारियों को एक झटका दिया गया है. बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को इस दौरान दी जाने वाली पांच दिन की मोहलत खत्म कर दी गई है. गौरतलब है कि इससे पूर्व कर्मचारियों को माह खत्म होने पर भविष्य निधि योगदान और प्रशासनिक शुल्क 15 दिन के भीतर देना होता था जबकि साथ ही यह भी बता दे कि इसके लिए पांच दिन की मोहलत दी जाती थी.
जानकारी में यह बात सामने आई है कि योगदान राशि जमा करने को लेकर कर्मचारियों को जो मोहलत दी जाती थी उसके कारण कर्मचारियों के वेतन और उनकी तीन योजनाओं- कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 , कर्मचारी पेंशन योजना 1995 और कर्मचरी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 के अंतरगत बकाया का आंकलन हाथ से ही किया जाना था और हाथ से यह काम करने में काफी समय लग जाता था.
मामले में अधिक जानकारी देते हुए खुद ईपीएफओ ने बताया है कि फरवरी माह से इस ग्रेस पीरियड को खत्म कर दिया जाना है. आगे उन्होंने मामले को साफ करते हुए यह भी कहा है कि फ़िलहाल कर्मचारियों के द्वारा वेतन और ईपीएफ देनदारी की गणना इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही किया जाता है. साथ ही यह भी कहा है कि योगदान राशि भी अब इंटरनेट बैंकिंग के जरिए जमा की जाती है. इस कारण ही पांच दिन की मोहलत को खत्म करने का फैसला किया गया है.