नोट बंद करने के खिलाफ न्यायालयों में दायर करवाए गए वाद
नोट बंद करने के खिलाफ न्यायालयों में दायर करवाए गए वाद
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बेंगलुरू : केंद्र सरकार द्वारा 500 रूपए और 1000 रूपए के नोट्स बंद करने के निर्णय से हलचल मची हुई है। हालांकि केंद्र सरकार के निर्णय से कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है। कई लोग सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में कुछ लोगों द्वारा देश की विभिन्न अदालतों में जनहित याचिकाऐं लगाई जा रही हैं। इसी तरह की याचिकाऐं इलाहाबाद उच्च न्यायालय, चेन्नई उच्च न्यायालय की मदुराई बेंच और बेंगलुरू उच्च न्यायालय ने 500 और 1000 रूपए के नोट्स प्रतिबंधित किए जाने के विरूद्ध लगाई गई।

हालांकि न्यायालय ने इस तरह की याचिका को खारिज कर दिया। इस तरह के मामले इलाहाबाद उच्च न्यायालय, चेन्नई उच्च न्यायालय में सामने आए। जिनमें 500 रूपए और 1000 रूपए के नोट्स को प्रतिबंधित करने की मांग की गई थी मगर न्यायालयों ने अपनी सुनवाई करते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की गई अब इस याचिका पर 15 नवंबर को सुनवाई होगी।

इसके पूर्व केंद्र सरकार ने याचिका को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में केवीट दायर कर दिया है। उच्च न्यायालयों में दोनों ही पक्षों की बातें सुनी गई लेकिन फिर जनहित को देखते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया गया। न्यायालय ने इस मामले में गंभीरता से कदम उठाया।

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