नई दिल्ली: मोदी सरकार इस बार 1 फरवरी को ऐसा केंद्रीय बजट पेश करना चाहती है, जिसमें प्रत्येक वर्ग की सहूलियतों का ख्याल रखा जा सके. इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय बजट से पहले सभी से सुझाव लेने की कवायद में लगा हुआ है. भाजपा भी कई दिनों से सामान्य लोगों के साथ 'प्री बजट कंसल्टेशन' मीटिंग के माध्यम से उनकी मांगों से वाकिफ हो रही है. इस दौरान 'एक देश, एक स्कूल' और टैक्स में रियायत जैसे कई सुझाव सरकार को मिले हैं, जिन्हें वित्त मंत्रालय पहुंचा दिया गया है.
पीएम मोदी को ऐसा ही एक सुझाव मिला है, जिसमें स्कूलों की फीस तय करने की बात कही गई है. एक व्यक्ति ने अपने सुझाव में लिखा है कि, ''सर, सारी बचत टैक्स में चली जाती है, कुछ कीजिए. एक देश, एक स्कूल हो जिसमें फीस निर्धारित हो.'' एक अन्य शख्स नवनीत शर्मा ने पीएमओ को सुझाव देते हुए लिखा है कि, ''प्रधानमंत्री जी में एक सामान्य नागरिक हूं. आज के समय मंहगाई बहुत अधिक है और प्राइवेट स्कूलों में फीस बहुत अधिक है. इस बारे में कुछ सोचें.''
आपको बता दें कि देश की आवाम ने टैक्स में छूट को लेकर सबसे अधिक सुझाव दिए हैं. राजेंद्र सिंह हीरा ने सुझाव देते हुए लिखा है कि, ''वरिष्ठ नागरिकों की बचत पर ब्याज दर में वृद्धि की जाए ताकि उनको जीवन-यापन में समस्या न आए.''
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