नदियों को हमारे भारत में माँ का दर्जा दिया जाता है लेकिन आज के समय में यह बहुत गंदी होती जा रहीं हैं। वहीं कई लोग हैं जो नदियों को साफ़ बनाये रखने के लिए मेहनत करते हैं। इन्ही में शामिल हैं नासिक के रहने वाले चंद्र किशोर पाटिल। वह नासिक के इंदिरानगर में रहते हैं और उन्होंने 'गोदावरी नदी' को साफ़ रखने का बीड़ा उठाया है। जी दरअसल किशोर अभी से नहीं बल्कि बीते कई सालों से अपने इलाक़े की इस नदी को साफ़-सुथरा बनाए रखने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
वह नदी को साफ़ रखने के लिए हर रोज सुबह 11 बजे से लेकर रात 9 बजे तक मुख्य सड़क के एक पुल पर खड़े रहते हैं ताकि लोगों को नदी में कूड़ा-कचरा फेंकने से रोका जा सके। उनकी स्टोरी को IFS अधिकारी श्वेता बोद्दु ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। उन्होंने चंद्र किशोर पाटिल की एक तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, 'मैंने हाथ में सीटी लिए इस युवक को पूरा दिन सड़क किनारे दशहरा के मौके पर प्लास्टिक की थैलियों में गंदगी भरकर नासिक की गोदावरी नदी में फ़ेंकने फेंकने वालों को रोकते हुए देखा। मिस्टर पाटिल को हमारा सलाम!'
चंद्र किशोर पाटिल एक ऐसे युवक हैं जो न सिर्फ़ लोगों को नासिक की गोदावरी नदी में कचरा फ़ेंकने से रोकने का काम कर रहे हैं, बल्कि वो लोगों से कूड़े की थैलियां लेकर उन्हें सड़क किनारे एकत्र कर लेते हैं, जिसे बाद में नगर पालिका के लोग इकट्ठा कर डम्प यार्ड में ले जाते हैं। जी दरसल किशोर सुबह से ही नदी के किनारे सीटी लेकर खड़े होते हैं और लोगों को नदी में कचरा फ़ेंकने से रोकते हैं। एक वेबसाइट से बातचीत में किशोर कहते हैं कि, 'मैं गोदावरी नदी के क़रीब ही बसी एक सोसाइटी में रहते हैं। त्योहारों के सीज़न में लोगों द्वारा नदी में अत्यधिक मात्रा में कूड़ा फेंकने से पानी बेहद गंदा हो जाता है। कचरे की बदबू से वातावरण भी बेहद ख़राब हो जाता है। मैं पिछले 5 साल से लोगों को नदी में कचरा फ़ेंकने से रोकने का प्रयास कर रहा हूं। मैं इसे तब तक जारी रखूंगा जब तक मेरी तबियत मेरा साथ देती है।'
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