कोलंबो : श्रीलंका में संसदीय चुनाव के लिए कराया गया आम चुनाव शांतिपूर्ण रहा और इस दौरान कोई गंभीर अप्रिय घटना नहीं हुई। वरिष्ठ अधिकारियों ने ये बातें कही। श्रीलंका मानवाधिकार आयोग (एचआरसीएसए) के अध्यक्ष एवं सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश प्रियंत आर. परेरा ने ऑनलाइन समाचार पत्र 'द आइलैंड' को बताया कि पिछले कुछ दशकों में आयोजित राष्ट्र स्तरीय चुनावों में सोमवार को आम चुनाव के तहत कराए गए मतदान शांतिपूर्ण रहे।
उन्होंने कहा कि जनता ने अपनी पसंद की पार्टी और उम्मीदवारों को चुनने के लिए स्वतंत्र मताधिकार का प्रयोग किया। 'द आइलैंड' की एक रपट के मुताबिक, न्यायाधीश परेरा ने कहा कि पुलिस एवं चुनाव पर्यवेक्षकों ने हालांकि कुछ छिटपुट घटनाओं का जिक्र किया, लेकिन पूरे चुनाव के दौरान कहीं कोई गंभीर अप्रिय घटना या मतदान को प्रभावित करने वाली नियोजित घटना नहीं हुई।
चुनाव के बाद पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री उम्मीदवार महिंदा राजपक्षे ने मंगलवार को कहा कि संसदीय चुनाव के लिए सोमवार को कराए गए मतदान के नतीजों को लेकर उन्हें अब तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, इसलिए वह अभी जीत या हार को स्वीकार नहीं कर सकते। राजपक्षे के आधिकारिक ट्विटर खाते पर लिखा गया, "महिंदा राजपक्षे को अब तक आम चुनाव के अंतिम या आधिकारिक परिणाम नहीं मिले हैं, इसलिए अभी वह जीत या हार स्वीकार नहीं कर सकते।"
श्रीलंका में आम चुनाव के तहत सोमवार को कराए गए मतदान में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली युनाइटेड नेशनल फंट्र (यूएनएफ) और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की युनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलाएंस (यूपीएफए) के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया।