मेरठ: दुर्दात मुजरिमों को सजा देने की मांग ज्यादातर लोग करते हैं वहींज वह यह भी चाहते है कि गंभीर अपराध में पाए जाने वाले कैदी को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए, लेकिन फांसी की सजा पर लटकाने का काम मेरठ के इस जल्लाद खानदान का पुश्तैनी धंधा है. लेकिन जल्लाद का पेशा उनको विरासत में मिला है. वहीं उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी मुजरिम को फांसी के फंदे पर लटकाते रहे हैं. वहीं जल्लाद परिवार की चौथी पीढ़ी के पवन जल्लाद तिहाड़ जेल में निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को सूली पर लटकाएंगे. पवन जल्लाद 4 दोषियों को 22 जनवरी 2020 की सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाएंगे.
चार पीढ़ी से फांसी दे रहे हैं: सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार इस बात पर गौर फ़रमाया गया है कि 1950-60 के दशक में इस परिवार की पहली पीढ़ी के मुखिया लक्ष्मण जल्लाद देश में अदालतों के द्वारा सजायाफ्ता करार दिए गए मुजरिमों को फांसी पर चढ़ाने का काम करते थे. अब उन्हीं लक्ष्मण जल्लाद का परपोता पवन जल्लाद अपनी जिंदगी की पहली फांसी देने की तैयारी कर रहा है. पवन जल्लाद ने इससे पहले करीब पांच मुजरिमों को फांसी पर चढ़ाए जाने के दौरान दादा कालू राम जल्लाद का सहयोग किया था. इस दौरान पवन ने फांसी लगाने के गुर दादा कालू राम जल्लाद से सीखे थे. लेकिन अब निर्भया के चारों हत्यारों को फांसी पर लटकाना पवन जल्लाद का अपने दम पर फांसी पर लटकाने का पहला अनुभव होगा.
वहीं जब इस बात कि जाँच कि गयी तो यह पता चला है कि इस मामले में पवन जल्लाद का कहना है कि यह मेरे पुरखों का ही आशीर्वाद है कि उन्होंने अपनी पूरी उम्र में एक बार में एक या फिर ज्यादा से ज्यादा दो मुजरिमों को ही फांसी के फंदे पर लटकाया था. मैं एक साथ अपनी जिंदगी की पहली फांसी में ही चार-चार मुजरिमों को फांसी लगाने जा रहा हूं. उन्होंने एकसाथ चार फांसी देने के रिकॉर्ड तोड़ने पर उन्होंने कहा कि जहां तक परदादा, दादा और पिता का रिकॉर्ड तोड़ने की बात है, तो मैं यह कैसे कह सकता हूं? वे तीनों तो फांसी के मामले में मेरे गुरु रहे हैं. उनसे ही तो मैंने फांसी लगाने का हुनर सीखा था, आज उसी को अमल में लाने का मौका मिला है.
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