'डंडे के बूते पर देशभक्ति नहीं सीखा सकते', महबूबा ने लिखा PM को पत्र
'डंडे के बूते पर देशभक्ति नहीं सीखा सकते', महबूबा ने लिखा PM को पत्र
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श्रीनगर: टी-20 विश्व कप क्रिकेट मैच में पाकिस्तान से भारत के हारने के बाद बहुत कुछ ऐसा हुआ जो हैरान करने वाला रहा। जी दरअसल पाकिस्तान की जीत के बाद कुछ कश्मीरी छात्रों ने जश्न मनाया, वहीं उसके बाद उनके ऊपर कार्रवाई चल रही है। अब इन सभी के बीच जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और उन सभी की रिहाई के लिए हस्तक्षेप की माँग की है। जी दरअसल उन्होंने लिखा है, “मैं आपको जम्मू-कश्मीर की भयावह स्थिति के बारे में गहरी निराशा और चिंता के साथ लिखती हूँ, अभी कुछ समय पहले जब आपने दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की थी, तो आपने दिल्ली और कश्मीर के बीच ‘दिल की दूरी’ को हटाने का इरादा व्यक्त किया था।”

हाल ही में अपने एक बयान में महबूबा ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को दोस्ताना मैच करार दिया और कहा, 'जो लोग पाकिस्तान की जीत का जश्न मना रहे थे वो बस जीतने वालों को चीयर कर रहे थे। ऐसे में उनके ऊपर UAPA जैसा भयावह धारा लगना गलत है।' वहीं पाकिस्तानियों की जीत में बम-पटाखे फोड़ने वालों को महबूबा ने ‘अपने नौजवान लोग’ कहा और बताया कि 'वो एमबीबीएस जैसा प्रोफेशनल कोर्स कर रहे हैं और उनके ऊपर एंटी टेरर कानून के तहत मुकदमा शुरू कर दिया गया है। 3 छात्रों को आगरा में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जबकि वो ऐसी किसी गतिविधि में शामिल तक नहीं थे।' वहीं महबूबा मुफ्ती ने अपने पत्र में लिखा है, “कश्मीरी छात्रों को टारगेट करने का सिलसिला अभी भी जारी है, हमने सोचा था कि हम, लोगों के खासकर युवाओं के दिलों और दिमागों को संबोधित करने के लिए एक नीति के लागू होने का इंतजार कर रहे थे जबकि उनके खिलाफ तो छापेमारी, गिरफ्तारी, हत्याओं का सिलसिला बिन किसी रोक थाम के जारी है, दमन का स्तर और राज्य की असहिष्णुता एक नए निचले स्तर पर पहुँच गई है।”

इसी के साथ उन्होंने यह भी लिखा, “मैं आपसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करती हूँ ताकि इन युवाओं का भविष्य खराब न हो।” वहीं महबूबा ने चिट्ठी में उम्मीद जताई है कि 'गिरफ्तार छात्रों की जल्द रिहाई कर दी जाएगी। देशभक्ति की भावना को प्यार से बढ़ा सकते हैं। उसे डंडे और बंदूक के जोर पर नहीं बढ़ाया जा सकता।' इसी के साथ आगे महबूबा ने लिखा है कि 'छात्रों पर ऐसी कार्रवाई से अविश्वास का माहौल और बढ़ेगा।' उन्होंने लिखा है, “आप किसी को डंडे के बूते देशभक्त नहीं बना सकते। उन्हें हमदर्दी प्यार की जरूरत है ताकि आप यहाँ लोगों के दिलों को जीतें। वह कहती हैं खेल-खेल होता है। इसमें चाहे आगरा में हमारे बच्चों को जेल में बंद किया गया है। चाहे कश्मीर में उन्हें पकड़ा गया है। कौन किस खिलाड़ी को पसंद करता है। आप किसी के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकते। देश ने हमें ये हक दिया है कि हम किस खेल में किसको पसंद करें।”

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